November 21, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

गृहमंत्री अमित शाह के साथ भोजन करके खुश हुए जवान, कहा यह अविश्वनीय अनुभव।

अमित शाह ने अपने तीन दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे पर आयोजित भोजन कार्यक्रम में 500 जवानो के साथ खाना खाया व शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

नई दिल्ली|  जम्मू-कश्मीर में तीन दिवसीय दौरे पर गए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को जवानों के साथ खाना खाया। गृहमंत्री के साथ एक मेज पर भोजन कर बेहद खुश नजर आ रहे जवानों ने इसे बेहद खास अनुभव बताया। दौरे के तीसरे दिन शाह ने जवानों से मिलकर उनकी परेशानियां और सुविधाओं के बारे में चर्चा की।
इस दौरान आयोजित भोजन कार्यक्रम में अलग-अलग बलों के करीब 500 जवान मौजूद थे। शाह के बगल में बैठकर भोजन करने वालों में कॉन्स्टेबल दीपक कुमार का नाम भी शामिल है। सात सालों से सीआरपीएफ के साथ काम कर रहे कुमार ने इस दौरान आतंकी मुठभेड़ और कानून व्यवस्था से जुड़ी दूसरी चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन सोमवार उनके लिए अलग था।

उन्होंने कहा कि “यह मेरे लिए अविश्वसनीय अनुभव था”। इस दौरान लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। कुमार और उनके साथी बताते हैं कि यह सब संयोग से हुआ। भारतीय सेना के जवान वीरेंद्र कुमार ने कहा “वह अचानक आए और हमारी टेबल पर बैठ गए”। शाह ने भारतीय सेना, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और एसएसबी के साथ लैथपोरा सीआरपीएफ कैंप में खाना खाया था।

शाह ने भी जवानों के साथ भोजन को तीन दिवसीय दौरे का सबसे खास पल बताया था। उन्होंने कहा “मैं यहां आना और आप सभी से मिलना चाहता था”। “आपके अनुभव, परेशानियां और देश को सुरक्षित रखने के जज्बे को समझना चाहता था, इसलिए मैं यहां आ गया”। शाह और सिन्हा के साथ टेबल पर सीआरपीएफ के दीपक कुमार, बीएसएफ के नागराज, आईटीबीपी के अनिल कापड़ी और भारतीय सेना के 50 आरआर के वीरेंद्र कुमार मौजूद थे। इन सभी से इस बारे में बातचीत की तो उन्होंने कहा कि “यह जीवनभर का अनुभव है”।

कापड़ी ने कहा कि “उन्होंने मुझसे मौजूदा तैनाती, काम के दौरान मिलने वाली सुविधाओं, घर पर परिवार के बारे में पूछा”। भोजन कार्यक्रम में बीएसएफ, सीआरपीएफ, जेकेपी के डीजी, आईबी के निदेशक, केंद्रीय गृह सचिवालय, 16 कॉर्प्स के कमांडर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ करीब 500 जवान मौजूद रहे।

रात्रि भोज को सुरक्षाबलों का मनोबल मजबूत करने और आतंकी समूहों को संदेश देने के तौर पर भी देखा गया। सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत वाले पुलवामा आतंकी हमले से कुछ दूरी पर ही लैथपोरा सीआरपीएफ कैंप है। शाह के लैथपोरा पहुंचने से कुछ मिनटों पहले ही स्थानीय मीडिया ने काकापोरा में धमाके की खबर दी थी, लेकिन बाद में कश्मीर पुलिस ने इससे इनकार कर दिया था। कैंप पहुंचने के बाद शाह ने अर्धसैनिक बलों को अनुच्छेद 370 हटने के बाद शांति सुनिश्चित करने पर तारीफ की।

उन्होंने कहा जब अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए गए थे, तब संभावित प्रतिक्रियाओं को लेकर बहुत अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन यह अर्धसैनिक बलों की सतर्ककता के चलते एक भी गोली नहीं चली। शाह ने लैथपोरा कैंप में ही रात गुजारी। मंगलवार सुबह दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने शहीद स्मारक पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।