Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

सोरेन के आदिवासी ‘कभी भी हिंदू नहीं’ वाले बयान पर विहिप का पलटवार

झारखंड में कुल आबादी का 8 से 9 प्रतिशत आदिवासी हैं। पिछली जनगणना में झारखंड में 50 लाख लोगों ने सरना धर्म दर्ज किया है।

नई दिल्ली । झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर पूरे देश में बवाल मचा है। सोरेन ने कहा कि ‘आदिवासी कभी भी हिंदू नहीं थे, न ही अब वे हिंदू हैं’ इस बयान पर विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने मंगलवार को कहा है क‍ि वह वनवासी समाज को दिग्भ्रमित कर उनकी श्रद्धा को तोड़ने का महापाप कर रहे हैं। मिलिंद परांडे ने कहा क‍ि देशभक्त व धर्मनिष्ठ वनवासी समाज की आस्था व विश्वास पर चोट पहुंचाने वाले मुख्यमंत्री के इस गैर-जिम्मेदाराना वक्तव्य की विश्व हिन्दू परिषद तीव्र निंदा करती है। ऐसा लगता है कि देश, धर्म व संस्कृति के लिए वनवासी समाज तथा उससे जुड़े महापुरुषों के अतुलनीय योगदान को नकारते हुए वे ईसाई मिशनरियों, कम्युनिस्टों व नक्सली गतिविधियों के षड्यंत्रों को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। हम इसे कदापि स्वीकार नहीं करेंगे।

रेल किराए में वृद्धि पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

आपको बता दें कि शनिवार को प्रधानमंत्री के साथ वर्चुअल बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से कहा कि आदिवासी समाज एक ऐसा समाज है, जिसकी सभ्यता, संस्कृति, व्यवस्था बिल्कुल अलग है। आदिवासियों को लेकर जनगणना में अपनी जगह स्थापित करने के लिए वर्षों से मांग रखी जा रही है। झारखंड विधानसभा से पारित कर राज्य सरना आदिवासी धर्म कोड की मांग से संबंधित प्रस्ताव भेजा है। उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार इस पर सहानुभूति पूर्वक विचार करेगी।

 देश में कोरोना संक्रमण के 10,584 नए मामले सामने आए, 78 लोगों की जान गई

गौरतलब है क‍ि झारखंड में 26 प्रतिशत आदिवासी हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार आदिवासियों की जनसंख्या 3.24 करोड़ है। झारखंड की आबादी का लगभग 26 प्रतिशत आदिवासी हैं। आदिवासी अधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार राज्य के अधिकांश आदिवासी जो ईसाई नहीं हैं, उन लोगों ने 2011 की जनगणना में धार्मिक पहचान वाले कालम में अदर का चुनाव किया था। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आदिवासियों के धर्म सरना कोड का प्रस्ताव झारखंड कर केंद्र से इसे जनगणना में शामिल करने को कहा। इसको लेकर पूरे देश के आदिवासी सहमत नहीं हैं। इससे समुदाय में ही नई बहस छिड़ गई है।

भारत ने इमरान के विमान को अपने वायु क्षेत्र से गुजरने की दी इजाजत

झारखंड में कुल आबादी का 8 से 9 प्रतिशत आदिवासी हैं। पिछली जनगणना में झारखंड में 50 लाख लोगों ने सरना धर्म दर्ज किया है। राज्य में सरना धर्म कोड की मांग के सबसे अधिक आंदोलन हुए हैं। जनगणना के कॉलम में 1951 तक आदिवासियों का कॉलम अलग-अलग नाम से रहा। 1961 में इसे हटा दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना आदिवासी धर्म कोड को जनगणना 2021 में शामिल कराने के लिए सत्ता पक्ष के सभी विधायकों के साथ वे केंद्र सरकार और गृह मंत्री से मिलकर अनुरोध करेंगे।