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नोएडा | रोज एकत्र होने वाले 900 टन कूड़े से बनेगी बिजली

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नोयडा अथॉरिटी 900 टन कूड़े के 50 फीसदी हिस्से को बिजली बनाने के लिए इस्तेमाल करना चाहती है।

नई दिल्ली । नोएडा में घरों, होटलों, बैंक्वेट हॉलों, अस्पतालों, रेस्टोरेंटों और मॉलों-ऑफिसों से हर रोज 900 टन कूड़ा एकत्र किया जाता है। इस कूड़े को रिसाईकल करने के लिए नोएडा अथॉरिटी को एक मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है। नोयडा विकास प्राधिकरण की नए प्लान के तहत 33 एकड़ जमीन पर पॉवर प्लांट लगाने की योजना है। कचरे से चलने वाले इस प्रोजेक्ट से उसे अच्छी खासी कमाई भी होगी। नोएडा में हर रोज निकला 900 टन कूड़ा सेक्टर-145 स्थित लैंडफिल साइट पर डम्प किया जाता है। यहीं पर इसे रिसाइकिल भी किया जाता है। अथॉरिटी 900 टन कूड़े के 50 फीसदी हिस्से को बिजली बनाने के लिए इस्तेमाल करना चाहती है।

इसके लिए अथॉरिटी की 33 एकड़ जमीन पर पॉवर प्लांट लगाने की योजना है। इसमें गीले कूड़े को इस्तेमाल किया जाएगा। बाकी बचे 50 फीसदी सूखे कूड़ा को उन कंपनियों को बेचा जाएगा जो उसे रिसाईकल करती हैं। इस तरह कूड़े से बिजली बनाकर बेचने पर अच्छी खासी इनकम होगी और सूखा कूड़ा खरीदने वाली कंपनियां भी अथॉरिटी को भुगतान करेंगी।

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हाल ही में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट संसद सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में पेश की गई है। मंत्रालय ने बताया महाराष्ट्र में हर रोज 22570 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। दूसरे और तीसरे नम्बर यूपी में 15500 मीट्रिक टन, तमिलनाडु में 15437 मीट्रिक टन कूड़ा हर रोज निकलता है।

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कचरे के लिहाज से देश के टॉप-10 गुजरात में प्रतिदिन 10721 मीट्रिक टन, दिल्ली 10500 मीट्रिक टन, कर्नाटक 10 हजार मीट्रिक टन, तेलंगाना में 8634 मीट्रिक टन, पश्चिम बंगाल में 7700 मीट्रिक टन, राजस्थान में 6500 मीट्रिक टन और मध्य प्रदेश में 6424 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। हर रोज निकलने वाले कूड़े को रिसाईकल करने में मध्य प्रदेश पहले नम्बर पर है। मध्य प्रदेश में हर रोज 6424 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है। इस कूड़े का 80 प्रतिशत हिस्सा रिसाइकिल कर लिया जाता है। दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं तेलंगाना में 78 प्रतिशत और गुजरात 75 प्रतिशत कचरा रिसाइकिल किया जाता है। सबसे कम 9 प्रतिशत कूड़ा पश्चिम बंगाल में रिसाइकिल किया जाता है। यहां हर रोज 7700 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।

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