भारत-पाक सरहद पर रहने वाले युवा चाहते हैं अग्निपथ पर चलना
नई दिल्ली । भारतीय सेना की नई भर्ती प्रक्रिया के तहत भर्ती किये जाने वाले अग्निवीरों के लिये सरहद पर युवाओं में जोश बढ़ता जा रहा है। भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसे बाड़मेर और जैसलमेर जिले में युवा अब अग्निपथ पर चलने के लिये तैयार हो रहे हैं। युवाओं में इसका क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है।
बाड़मेर में सैकड़ों भावी अग्नीवीर अपने हाथों में हथियार थामकर अचूक निशाना साधने में जुटे हैं। वे आने वाले दिनों में सेना की वर्दी पहन कर खुद को देश सेवा में समर्पित करना चाहते हैं। वे देश के लिये कुछ कर गुजरने का जज्बा पाले हुये हैं। बाड़मेर और जैसलमेर के सभी कॉलेज के करीब 500 एनसीसी कैडेट्स इन दिनों बाड़मेर में दस दिवसीय कैम्प में विभिन्न विद्याओं और स्पर्धाओं से रू-ब-रू हो रहे हैं। यहां एनसीसी के गर्ल्स और बॉयज कैडेट्स निशानेबाजी की स्पर्धा में खुद को श्रेष्ठ साबित करने में जुटे हैं।
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बाड़मेर में निशानेबाजी के जरिये अपनी मंजिल पर निशाना साधने वाले कैडेट बताते हैं कि एनसीसी की ट्रेनिंग और तीन साल की सीख उनके लिए अग्नीवीर बनने में काफी मददगार साबित होगी। इन कैडेट्स के मुताबिक एनसीसी में सीखा अनुशासन उनके लिए बेहद बड़ा हथियार साबित होगा। बाड़मेर में चल रहे इस दस दिवसीय एनसीसी कैंप में बाड़मेर शहर के साथ साथ शिव, बालोतरा, गुढ़ामालानी, जैसलमेर, पोखरण, रामगढ़ और मोहनगढ़ के 500 एनसीसी कैडेट्स भाग ले रहे हैं। इन दस दिनों में ये युवा मंच, मैदान और लिखित परीक्षा के जरिये अपने आप को अव्वल साबित करने में जुटे हैं। इन एनसीसी कैडेट्स के लिये अग्नीवीर बनने के लिए यह कैम्प बेहद खास है।
जैसलमेर एनसीसी के कमान अधिकारी अभय सिंह के मुताबिक एनसीसी कॉलेज शिक्षा के दौरान न केवल देश सेवा के लिए प्रेरित करती है बल्कि इससे सेना में जाने का आधार भी बनता है। भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे बाड़मेर में आयोजित हो रहे एनसीसी के इस कैम्प में इन सैकड़ों एनसीसी कैडेट्स का जोश देखते ही बनता है। युवा कैम्प में दी जा रही ट्रेनिंग से खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं।