उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों ने दिखाई हिम्मत, अंदर ही चलाई मोटर; एस्केप पैसेज बनाने का काम जारी
दिवाली की सुबह टनल हादसे की सूचना से उत्तराखंड प्रशासन हिल गया। यहां सिल्क्यारा से डंडालगांव तक बनाई जा रही अत्याधुनिक सुरंग का हिस्सा धंस गया है, जिसके बाद अफरा तफरी मच गई। सूचना मिली कि टनल के अंदर 36 मजदूर फंसे हुए हैं। इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू हुआ। वहीं अब टनल में फंसे मजदूरों ने भी हिम्मत दिखाई है। सुरंग निर्माण करने वाली नवयुग कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि सुरंग के अंदर फंसे हुए श्रमिकों ने मोटर चलाकर पाइप से पानी छोड़ा है। जिससे सभी श्रमिकों के सुरक्षित होने की उम्मीद है। भूस्खलन का मलबा भी हटाया जा रहा है। जल संस्थान की वर्टिकल ड्रिलिंग मशीन में पहुंच चुकी है। उम्मीद है कि रविवार की रात तक मलबे को काफी हद तक हटा देंगे।
पानी के पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई
सिल्कियारा में निर्माणाधीन टनल के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए राहत और बचाव अभियान तेजी से जारी है फंसे हुए मजदूर तक पानी के लिए बिछाए गए पाइप के जरिए ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। वहीं, रेस्क्यू से जुड़ा हेल्पलाइन नंबर 7455991223 जारी किया गया है।
आलाधिकारी मौके पर मौजूद
सुरंग से मलबा हटाने और फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एस्केप पैसेज बनाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थ पाल सिंह, उप जिलाधिकारी डुंडा बृजेश कुमार तिवारी, उप जिलाधिकारी बड़कोट मुकेश चंद रमोला घटनास्थल पर मौजूद हैं।
मजदूरों को निकालना प्राथमिकता: जिलाधिकारी
जिलाधिकारी ने कहा कि सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए राहत और बचाव कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। प्रशासन के द्वारा विभिन्न राहत और बचाव एजेंसियों और तकनीकी संगठनों तथा एनएचआईडीसीएल का सहयोग लेकर के बचाव अभियान संचालित किया जा रहा है।