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मजदूरों की घर वापसी से घरवालों के चेहरों पर मुस्कान

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सरकार और स्थानीय प्रशासन की सहायता से अब प्रवासियों की घर वापसी हुई है तो घर वालों के चेहरों पर मुस्कान लौट आयी है।
सितारगंज के एक क्वारनटीन सेंटर में ठहरे हुए प्रवासी

रिपोर्ट: चरन सिंह

ख़ास बात:

  • झांसी से लौटे प्रवासी अपने घर
  • प्रवासियों के लौट आने से लौटी घर वालों की मुस्कान
  • 14 दिन का क्वारनटीन का समय बिता रहे प्रवासी
  • अपने अपनों से मिलने में है अभी क्वारनटीन की मजबूरी

सितारगंज: कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर पूरे देश मे लॉक डॉउन है। आने जाने के लिए सरकार के यातायात के साधन बंद है। पूरे देश मे प्रवासी मजदूर जहाँ तहां फंसे हुए है। कोरोना वायरस से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार की गाइड लाइन के अनुसार प्रवासी मजदूरों की घर वापसी हेतु सरकार द्वारा विभिन्न प्रदेशों में फंसे प्रवासियों के लिए परिवहन ट्रांसपोर्ट की सुबिधा उपलब्ध कराई जा रही है जिससे विभिन्न राज्यों से अधिक से अधिक संख्या में मजदूरों की घर वापसी हो सके और हो भी रही हैं।

इसी के चलते शक्तिफार्म से काम करने झांसी गए प्रवासी ललितपुर में फंसे हुए थे। सरकार और स्थानीय प्रशासन की सहायता से अब इन लोगों घर वापसी हुई है तो घर वालों के चेहरों पर मुस्कान लौट आयी है।

लेकिन इन दादी की आँखों मे खुशी के आंसू भी झलक रहे है। वहीं बच्चे अपने पिता के पास जाने के लिए रो रहे है, लेकिन नहीं जा पा रहे हैं, क्योकि पिता को भी इन प्रवासी मजदूरों के साथ एक सरकारी स्कूल में 14 दिन के लिए ग्राम क्वारनटीन में रखा गया है प्रवासी मजदूरों की कहानी इन्ही के जुबानी सुनिए।