रोजाना 7000 कदम चलने से होता है मौत का खतरा कम
नई दिल्ली । रोजाना 7,000 कदम चलने वाले लोगों को मौत का खतरा कम रहता है उनकी तुलना में जो इससे कम चलते हैं। अध्ययन में इतना चलने वाले लोगों में मरने का जोखिम 50 से 70 प्रतिशत कम पाया गया। मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी की अगुवाई में की गई सबसे बड़ी स्टडी में 11 वर्ष की अवधि में अलग अलग बैकग्राउंड के 2,000 लोगों में से मीडियम एज के वयस्कों पर गौर किया गया था।
स्टडी में एक और दिलचस्प परिणाम यह निकला कि मौत का रिस्क आपके स्टेप्स की स्पीड जुड़ा नहीं था। यदि दो लोग समान संख्या में कदम चलते हैं, तो कम स्पीड से चहलकदमी करने वाले व्यक्ति को मीडियम स्पीड से चलने वाले व्यक्ति की तुलना में मरने का अधिक जोखिम नहीं था। मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी की स्टडी के परिणाम हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के नतीजों पर आधारित हैं, जिनमें पाया गया था कि स्टडी की अवधि के दौरान एक दिन में औसतन लगभग 4,400 कदम चलना, वृद्ध महिलाओं की मृत्यु दर को काफी कम करने के लिए पर्याप्त था।
हालांकि, हमें इस बारे में सतर्क रहना होगा कि हम इन विभिन्न स्टडीज से मिले आंकड़ों की व्याख्या कैसे करते हैं। स्पष्ट है कि रोजाना चले गए स्टेप्स की संख्या से एक्टिविटी के लेवल का पता लगाने के लिए अभी और रिसर्च की जरूरत है। अगली बार जब आप देखें कि आपके डेली स्टेप्स की संख्या 10,000 से कम है, तो निराश न हों और याद रखें कि लगभग 7,000 कदम चलने से भी आपको कुछ स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होंगे।
यह स्पष्ट है कि एक दिन में 10,000 कदम से कम कदम चलने के भी स्वास्थ्य लाभकारी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वयस्कों को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मीडियम स्पीड एक्सरसाइज (या 75 मिनट का फास्ट एक्सरसाइज) करने की सलाह देता है, लेकिन आसानी से मापी जाने वाली कदम गणना से जुड़ा कोई दिशानिर्देश नहीं है। ऐसा स्वास्थ्य परिणामों के साथ कदमों की गणना (और तीव्रता) के बीच संबंध दिखाने वाली स्टडीज की सीमित संख्या के कारण है।