भगवानपुर के इस गाँव में विकास की राह देखते ग्रामीण

भगवानपुर: केंद्र व राज्य सरकार द्वारा गरीबों के लिये अनेकों प्रकार की योजनाओं को लेकर बड़े-बड़े दावों के बीच धरातल पर ये योजनायें सही मायनों में कितने लोगों को असल में फायदा पहुंचाती हैं, ये देखने वाली बात है। ये बड़ी-बड़ी योजनाएं सरकार बना तो देती है लेकिन कई बार गरीबों की गरीबी इन योजनाओ को भी खारिज़ कर देती है।
भगवानपुर विकास खण्ड के शाहमनसुर गांव के ग्रामवासी विकास की चाह में अपनी जिंदगी बसर कर रहे है। ले चलते हैं आपको इस गाँव में जहाँ विकास की रफ़्तार शायद थम गयी है। इस पिछड़े हुए गांव में अजीमोशान दरगाह हजरत शाहमनसुर रहमतुल्ला अलैहि की दरगाह है जिसपर लोग दूरदराज से आते है। उसके बावजूद भी इस गांव में विकास की कोई भी किरण नजर नही आती।
आप तस्वीरों में साफ तौर पर देख सकते है कि किस प्रकार ग्रामवासी घास-फूस के मकानों में रहने को मजबूर है। न ही लोगो के पास पक्के मकान है और न ही मेडिकल स्टोर की व्यवस्था, न ही सामुदायिक स्वास्थ्य उप केंद्र है और न ही पानी की निकासी की व्यवस्था।
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्रामप्रधान भी गांव के विकास में कोई दिलचस्पी नहीं रखता और विकास के नाम पर अपना पल्ला झाड़कर खड़ा हो जाता है।
इस बारे में जब ग्राम विकास अधिकारी से बात की गई तो वो भी गोल-मोल बात करते नजर आये। उन्होंने साड़ी ज़िम्मेदारी ग्रामपंचायत पर डालते हुए कहा कि ग्रामपंचायत सभी कामों को करने में सक्षम है। अब ज़ाहिर सी बात है, प्रधान और अधिकारियों के इस ढुल-मुल रवैये के चलते इस सब में ग्रामीणों को फिलहाल कोई राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही।