नीति आयोग की रिपोर्ट में उत्तराखंड का दबदबा
देहरादून । नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रिपोर्ट में गोल 4.3 में उच्च शिक्षा का पूरे देश में 39.1 प्रतिशत के साथ तीसरा स्थान आया है।
इस पर उत्तराखंड के हायर एजुकेशन मिनिस्टर ने कहा कि वे उच्च शिक्षा के समग्र विकास की दिशा में सतत प्रयत्नशील है और यह उसी का परिणाम है। सरकार चार वर्षों से योजनागत रूप से कार्य कर रही है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न आयामों का समूचित विकास हो सके। उच्च शिक्षा ने हर क्षेत्र में विकास के नए कीर्तिमान गढ़े हैं, जिसके लिए पूरा उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षक और विद्यार्थी बधाई के पात्र हैं। यहां तक कि कोविड- 19 के इस कठिन दौर में भी उच्च शिक्षा के विकास की गति रुकी नहीं। चुनौतियों को स्वीकार कर और आगे बढ़ती रही।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित करना है, जिसके लिए उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित सरकारी और निजी संस्थानों के सहयोग और भूमिका की आवश्यकता होगी।
राज्य में 106 शासकीय महाविद्यालय हैं, जिसमें 4 वर्षों के अन्दर रिकॉर्ड 13 डीपीसी कर शत प्रतिशत प्राचार्यों की नियुक्ति की जा चुकी है। लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित 877 प्राध्यापकों को दुर्गम क्षेत्रों में नियुक्ति दी जा चुकी है। उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा परिषद् द्वारा चयनित 28 सहायक पुस्तकालयाध्यक्षों की नियुक्ति, 14 प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति, 06 इलेक्ट्रीशियन, 01 संगणक, 01 वैयक्तिक सहायक की नियुक्ति की जा चुकी है। सुलभ कराने की दिशा में सकारात्मक कार्य हुआ है इसके अलावा बाकी पदों पर नियुक्ति के लिए लोक सेवा आयोग और राज्य अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को अधियाचन प्रेषित करने की प्रक्रिया चल रही है।
उत्तराखण्ड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने महाविद्यालयों में प्रोफेसर पदनाम को स्वीकृति प्रदान कर 136 प्राध्यापकों को उक्त पदों पर प्रोन्नति प्रदान की। इसके साथ ही महाविद्यालयों में प्राचार्यों की सीधी भर्ती के सम्बन्ध में भी शीघ्र ही निर्णय लिया जाना है। राज्य के 106 शासकीय महाविद्यालयों में 102 महाविद्यालयों को अपना भवन मिला है, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। गोपेश्वर और ऋषिकेश स्थित महाविद्यालयों को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का परिसर बना कर पहाड़ में गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को सुलभ कराने की दिशा में सकारात्मक कार्य हुआ है।
रूसा अंतर्गत 62 महाविद्यालयों एवं 04 विश्वविद्यालयों में आधारभूत सुविधा का निर्माण और विकास का कार्य गतिमान है। इसके साथ ही देहरादून में विश्वस्तरीय पुस्तक मेला का आयोजन (2017), हरिद्वार में ज्ञान कुम्भ का आयोजन (2018), देहरादून में यंग लीडर्स कॉन्क्लेव का आयोजन (2020), विवेकानंद जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय निबंध प्रतियोगिता का आयोजन (2021) तथा नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती, शौर्य दिवस पर प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त प्रतिभागियों को क्रमशः एक लाख, पचहत्तर हजार एवं पचास हजार की धनराशि का पुरष्कार प्रदान कर विद्यार्थियों को एक नया मंच देकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माहौल का विकास किया गया।