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मानसून से निपटने को उत्तराखंड सरकार तैयार, CM Dhami ने दिए पुलों और हेलीपैड के सुरक्षा आडिट के निर्देश

आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में मानसून के दौरान संभावित आपदा से निबटने के लिए सरकार तैयारियों में जुटी है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को हुई बैठक में सभी जिलों की तैयारी को परखा।
उन्होंने मानसून से पहले राज्य में स्थित सभी पुलों का 15 दिन में सुरक्षा आडिट कराने के निर्देश दिए। साथ ही सभी हेलीपैड का भी सुरक्षा आडिट करने को कहा। उन्होंने राज्य का लैंडस्लाइड मैप तैयार करने पर जोर देते हुए कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों की मैपिंग कर डाटा बेस बनाया जाए, ताकि इनका उपचार किया जा सके। उन्होंने सभी संवेदनशील स्थलों पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टुकड़ियां तैनात करने को भी निर्देशित किया। इसके अलावा जर्जर स्कूल भवनों के संबंध में 15 दिन के भीतर सभी डीईओ से रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा।
मुख्यमंत्री धामी शनिवार देर शाम राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और फिर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक में मानसून की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सचिव लोनिवि को सभी पुलों का सुरक्षा आडिट करने के साथ ही विशेष रूप से हल्द्वानी से कैंची धाम, अल्मोड़ा- पिथौरागढ़ मार्ग के पैच वर्क कराने के दृष्टिगत दौरा करने के निर्देश दिए। यह निर्देश भी दिए कि भूस्खलन के चलते बंद मार्ग खुलवाने के लिए 15 मिनट के भीतर जेसीबी मशीन अनिवार्य रूप से पहुंच जाए, यह सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने मानसून सीजन और मेडिकल इमरजेंसी के दृष्टिगत सभी जिलों को पुरानी एंबुलेंस वाहनों को तत्परता से बदलकर नए वाहनों की खरीद करने को कहा। उन्होंने राज्य में स्थित सभी हेलीपैड में सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने को निर्देशित किया। साथ ही कहा कि आपदा के दृष्टिगत पिथौरागढ़ में एक हेलीकाप्टर की तैनाती रखी जाए। उन्होंने पिथौरागढ़ जिले में एयरपोर्ट के विस्तार और मेडिकल कालेज के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराने को कहा, ताकि आपदा के समय इस जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को समुचित उपचार मिल सके। उन्होंने राज्य में स्थित सभी हेलीपैड में सुरक्षा के समुचित प्रबंध करने को निर्देशित किया। साथ ही कहा कि आपदा के दृष्टिगत पिथौरागढ़ में एक हेलीकाप्टर की तैनाती रखी जाए। उन्होंने पिथौरागढ़ जिले में एयरपोर्ट के विस्तार और मेडिकल कालेज के कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराने को कहा, ताकि आपदा के समय इस जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को समुचित उपचार मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील ऐसे स्कूल भवन जो खतरे की जद में हैं, उनकी मरम्मत जल्द से जल्द की जाए। साथ ही 15 दिन के भीतर सभी डीईओ से ऐसे स्कूल भवनों की रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा। उन्होंने कहा कि जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों का चिह्नीकरण कर मानसून के दौरान इनमें पठन-पाठन न हो। पठन-पाठन के लिए तत्काल प्रभाव से शेल्टर आदि की व्यवस्था की जाए।