Uniform Civil Code की नियमावली पर उत्तराखंड कैबिनेट की मुहर, 26 जनवरी से हो सकती है लागू
प्रदेश में समान नागरिक संहिता कानून (UCC) लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कैबिनेट ने संहिता की नियमावली पर मुहर लगा दी है। नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि लिव-इन में रहने वाले सभी व्यक्तियों को संहिता लागू होने के एक माह के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यह पंजीकरण सिर्फ रजिस्ट्रार के सम्मुख होगा। निर्धारित तिथि तक पंजीकरण न कराने पर विलंब शुल्क वसूला जाएगा। 26 मार्च 2010 के बाद हुए विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए छह माह की समय सीमा तय की गई है। जो अपना पंजीकरण करा चुके हैं, उन्हें भी पोर्टल पर इसकी सूचना देनी होगी। सभी प्रकार के पंजीकरण के लिए शासन ने पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम स्तर पर अलग-अलग रजिस्ट्रार व सब रजिस्ट्रार भी बनाए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में समान नागरिक संहिता की नियमावली पर चर्चा के बाद इसे स्वीकृति दी गई।
कैबिनेट की हुई बैठक
निकाय चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण कैबिनेट के निर्णयों की मीडिया को ब्रीफिंग नहीं की गई। साथ ही कैबिनेट ने मुख्यमंत्री को समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने की तिथि तय करने के लिए भी अधिकृत कर दिया है। ऐसी संभावना है कि 26 जनवरी से इसे राज्य में लागू किया जा सकता है। 92 पन्नों की इस नियमावली में प्रदेश के सभी नागरिकों के विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के अधिकार, लिव इन रिलेशनशिप व लिव-इन रिलेशनशिप की समाप्ति का पंजीकरण करने की व्यवस्था बताई गई है। देश में स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा।
नियमावली के मुख्य बिंदु-
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कर सकेंगे पंजीकरण के लिए आवेदन।
जहां इंटरनेट सुविधा नहीं, वहां सीएचसी के एजेंट घर-घर देंगे सुविधा।
आधार कार्ड के आधार पर करा सकेंगे पंजीकरण।
पोर्टल के माध्यम से भी की जा सकेंगी शिकायत।
विवाह विच्छेदन की सभी प्रकार की सूचना के लिए 60 दिन का समय तय।
लिव-इन में रहने वालों को एक माह के भीतर पंजीकरण कराना होगा अनिवार्य।
पंचायत, पालिका व निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से हमने 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता से समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। इसकी नियमावली पर मोहर लग गई है। जल्द इसे लागू करने की तिथि की घोषणा की जाएगी। समान नागरिक संहिता की गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश में जाएगी।