यूपी में उत्तराखंड की बसों को मिली एंट्री
देहरादून| उत्तराखण्ड को अपनी बसें किसी भी राज्य में भेजने के लिए उत्तर प्रदेश या हिमाचल की सीमा से होकर ही गुजरना पड़ता है। दोनों राज्यों की अनुमति ना होने की वजह से उत्तराखण्ड बस संचालन शुरू नहीं कर पा रहा था। उत्तर प्रदेश से पिछले एक माह से बस संचालन की अनुमति मांगी जा रही थी। खुद उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से दो हफ्ते पहले बस संचालन की अनुमति का आग्रह किया था, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की मंजूरी नहीं मिली। जबकि उत्तर प्रदेश की बसें उत्तराखण्ड की सीमा तक संचालित की जा रही थीं।
62 दिन बाद आखिरकार उत्तराखंड से दिल्ली, यूपी, राजस्थान के लिए रोडवेज बस संचालन शुरू हो गया है। बुधवार शाम से यूपी होते हुए दिल्ली के लिए रोडवेज की बसें चलने लगी। कोविड की वजह से यूपी सरकार ने अंतरराज्यीय परिवहन पर रोक लगाई थी, जिस वजह से उत्तराखंड की बसें भी नहीं चल पा रही थी। बृहस्पतिवार से देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार से दिल्ली के लिए बस संचालन पूरी तरह से सुचारु हो जाएगा।
बुधवार से उत्तराखण्ड के सभी बस डिपो से उत्तर प्रदेश के शहरों समेत दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए बस संचालन शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश की मंजूरी ना मिलने के कारण उत्तराखण्ड के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के बीच भी बस संचालन नहीं हो पा रहा था, लेकिन अब यह भी शुरू हो गया। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश की मंजूरी के बाद पूरे उत्तराखण्ड से अंतरराज्यीय बस संचालन शुरू कर दिया गया है।
कोरोना की दूसरी लहर चरम पर होने के कारण उत्तर प्रदेश और हिमाचल सरकार ने अप्रैल महीने में अंतरराज्यीय बस संचालन पर रोक लगा दी थी। जिसके कारण उत्तराखण्ड से अंतरराज्यीय बस परिवहन पूरी तरह ठप हो गया था।
उत्तराखण्ड को अपनी बसें किसी भी राज्य में भेजने के लिए उत्तर प्रदेश या हिमाचल की सीमा से होकर ही गुजरना पड़ता है। दोनों राज्यों की अनुमति ना होने की वजह से उत्तराखण्ड बस संचालन शुरू नहीं कर पा रहा था। उत्तर प्रदेश से पिछले एक माह से बस संचालन की अनुमति मांगी जा रही थी। खुद उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से दो हफ्ते पहले बस संचालन की अनुमति का आग्रह किया था, इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की मंजूरी नहीं मिली। जबकि उत्तर प्रदेश की बसें उत्तराखण्ड की सीमा तक संचालित की जा रही थीं।
बीती 1 जुलाई से हिमाचल प्रदेश ने उत्तराखण्ड को बस संचालन की मंजूरी दे दी। जिसके बाद उत्तराखण्ड ने देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और कोटद्वार से चंडीगढ़, धर्मशाला, शिमला, रोहड़ू, नाहन, पांवटा साहिब आदि के लिए बस संचालन शुरू कर दिया था। इसके अगले ही दिन देहरादून से वाया पांवटा-यमुनानगर-करनाल मार्ग से दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए बस संचालन शुरू कर दिया गया। पहले दिल्ली जाने वाली बसें वाया रुड़की-मेरठ होकर जाती थीं, लेकिन उत्तर प्रदेश में संचालन की अनुमति ना होने से उत्तराखण्ड को वैकल्पिक मार्ग से बस दिल्ली के लिए चलानी पड़ी। मौजूदा समय में देहरादून के साथ ऋषिकेश और हरिद्वार से भी वाया करनाल बसें दिल्ली संचालित की जा रही थी। अब यह सेवा उत्तर प्रदेश से होकर जानी शुरू हो गई है।