देहरादून | ‘पुलिस ने मारी गर्भवती महिला के पेट पर लात, एक का तोड़ा हाथ’
देहरादून । उत्तराखंड महिला कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को हाल में नौकरी से हटाए जाने पर आंदोलन कर रहे संविदा स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन करते हुए आरोप लगाया कि सोमवार को मुख्यमंत्री आवास की ओर शांतिपूर्ण तरीके से कूच कर रहे आंदोलनकारियों पर पुलिस ने अत्याचार किए।
क्रूरता की सारी हदें पार कर चुकी है @BJP4UK सरकार।#संविदा_कर्मी_विरोधी_धामी_सरकार pic.twitter.com/L9nUlW5fwp
— Saral Patel (@SaralPatel) April 27, 2022
यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में गढ़वाल क्षेत्र की प्रदेश मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी और प्रवक्ता सुजाता पॉल ने आरोप लगाया कि सोमवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों ने एक गर्भवती स्वास्थ्यकर्मी को पेट में लात मारी और एक दूसरी महिला स्वास्थ्यकर्मी का हाथ इतनी जोर से पकडा कि उसकी हडडी टूट गयी।
भाजपा की शासन नीति-
रोजगार मांगने पर लाठी से वार होगा।
अधिकार मांगने पर प्रहार होगा।।उत्तराखंड में संविदाकर्मियों पर भाजपाई क्रूरता निंदनीय है।
संविदाकर्मियों को लाठी नहीं रोजगार चाहिए।#संविदा_कर्मी_विरोधी_धामी_सराकर pic.twitter.com/vZdgCS1LMI
— Congress (@INCIndia) April 27, 2022
पॉल ने सवाल किया कि कोविड 19 के समय अपनी जिंदगी को जोखिम में डाल कर लाखों लोगों की जान बचाने वाले कोरोना योद्धाओं के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाना कितना उचित है। क्या यह उत्तराखंड की संस्कृति है?