कोरोना की मार झेलते लकड़ी के कारोबारी, आत्मनिर्भरता पर चोट
ऊधम सिंह नगर | देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रयासरत हैं। आपको दिखाते हैं उत्तराखंड का एक ऐसा क़स्बा जहाँ दशकों से लकड़ी की बहुत बड़ी मंडी है और राज्य की स्थापना ओर नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने से पहले ही यहाँ के लगभग 80 फ़ीसदी लोग आत्मनिर्भर थे। लेकिन कोरोना काल की मार से इन लोगों की स्थिति अब दयनीय हो चुकी है।
देश के अंदर उत्तराखंड की पहचान वैसे तो देवों की नगरी देव भूमि के रूप में और पर्यटन स्थलों की भूमि के तौर पर है। लेकिन उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में स्थित जसपुर क्षेत्र ने लकड़ी मंडी से भारत के अंदर अपनी एक अलग पहचान बना रखी है। जसपुर की स्थापना चन्द्र वंश के सुप्रसिद्ध सेनापति यशोधर सिंह अधिकारी द्वारा की गयी थी।
पहाड़ों से सटा जसपुर मैदानी क्षेत्र में होने के कारण इसके आस पास वनों की संख्या अधिक है। इसी वजह से यहां लकड़ी का व्यापार बहुत बड़े स्तर पर होता है। यहां की लकड़ी मंडी समस्त उत्तर भारत में प्रसिद्ध है।
जसपुर में प्रायः साल, सागौन, शीशम, पॉपलर, यूकलिप्टस आदि कीमती लकड़ी भारी मात्रा में उपलबध हो जाती है। लकड़ी के छोटे-बड़े व्यापार से जुड़ा होने के कारण जसपुर में रहने वाले लगभग 70 से 80 प्रतिशत लोग स्वरोज़गार युक्त हैं।
कारीगरों द्वारा लकड़ियों को हाथ से तराश कर उसे आकर्षित सुंदर बना कर भारत के कोने कोने में निर्यात किया जाता था। लेकिन कोरोना वायरस के आते ही आत्मनिर्भर बने लोगों के कारोबार पर फुल स्टॉप लग गया। लकड़ी कारोबार से जुड़े लोगों का जीवन चक्र जीने के तरीके में काफी दिक्कतों का सामना आने के कारण आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है और लोग बेरोज़गार हो गए है। ऐसे में अब उनकी उम्मीदें सरकार पर टिकी हैं कि शायद प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ ही एक बार फिर वो आत्मनिर्भर हो सकें।