अस्पताल में भर्ती होने वाले कोरोना संक्रमितों की संख्या में हो सकता है इज़ाफा- स्वास्थ्य मंत्रालय
नई दिल्ली| देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह सतर्क है। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस संबंध में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि कोरोना के आ रहे मामलों में पांच से 10 प्रतिशत सक्रिय मामलों को अब तक अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि कोरोना के मामले जिस प्रकार से लगातार बढ़ रहे हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता तेजी से बदल सकती है।
मंत्रालय ने कहा कि इस निगरानी के आधार पर स्वास्थ्य कर्मियों की आवश्यकता और उनकी उपलब्धता की दैनिक आधार पर समीक्षा की जाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर के दौरान अस्पताल में देखभाल की जरूरत वाले सक्रिय मामलों का प्रतिशत 20-23 प्रतिशत के बीच था।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के मामलों में वृद्धि ओमिक्रोन वैरिएंट के साथ-साथ डेल्टा के मामलों में बढ़ोतरी जारी है। इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासितप्रदेशों को कोविड प्रबंधन व मानव संसाधन को लेकर विशेष रूप से स्वास्थ्य कर्मियों को बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
भूषण ने कहा कि कोरोना के मौजूदा उछाल में पांच से 10 प्रतिशत सक्रिय मामलों में अब तक अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है। यह स्थिति तेजी से और बढ़ रही है। इसलिए अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता भी तेजी से बदल सकती है।