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उखीमठ: तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट खुले

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उत्तराखंड के चार धामों सहित पंच बदरी एवं पंच केदार के कपाट ग्रीष्मकाल हेतु खुल गये हैं। कोरोना महामारी के चलते अभी चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गयी है।

ख़ास बात:

  • शारीरिक दूरी का किया गया पालन
  • तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ जी के कपाट खुले।
  • आज दिन बुधवार 11.30 बजे  अश्विनी नक्षत्र में खुले कपाट।
  • ग्रीष्मकाल में छः माह तुंगनाथ मंदिर में होगी पूजा।

उखीमठ: तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट आज बुद्ववार को सुबह 11.30 बजे ज्येष्ठ माह अश्विनी नक्षत्र, त्रयोदशी तिथि  में विधि-विधान से खोल दिये गये हैं। कपाट खुलने से पूर्व श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली आज प्रातः 9 बजे चोपता से तुंगनाथ पहुंची। उत्सव डोली को मंदिर परिसर में रखा गया है, जो 18 मई  को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ से रवाना हुई थी।

प्रात:10.30  बजे से कपाट खुलने हेतु द्वार पूजन एवं भैरवनाथ जी का आह्वाहन किया गया।  दिन में  11.30 बजे तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट खोल दिये गये। । भगवान तुंगनाथ का प्रथम रूद्राभिषेक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की तरफ से संपन्न किया जा रहा है। इस अवसर पर देवस्थानम बोर्ड के सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, मठाधिपति राम प्रसाद मैठाणी एवं प्रबंधक प्रकाश पुरोहित मौजूद रहे।

श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुलने के साथ ही अब उत्तराखंड के चार धामों सहित पंच बदरी एवं पंच केदार के कपाट ग्रीष्मकाल हेतु खुल गये हैं। कोरोना महामारी से बचाव हेतु अभी चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गयी है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल जी महाराज का कहना है कि महामारी समाप्त होने के पश्चात शीघ्र चार धाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद है।

द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 11 मई तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को खुल गये आज श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के सभी मठ-मंदिरों के कपाट खुल चुके हैं। सभी जगह शारीरिक दूरी का ध्यान देते हुए रावल तथा पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना की जा रही है।