December 23, 2024

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रेलवे की फर्जी वेबसाइट बनाकर ऐसे नौकरी का चल रहा था खेल

पूछताछ में जानकारी मिली की 15 लाख रुपये लेने के बाद युवकों को ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भेजा जाता था।

लखनऊ । रेलवे के नाम से फर्जी वेबसाइट बना कर विभिन्न पदों पर भर्ती कराने का दावा कर पांच करोड़ रुपये ऐंठने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को डीसीपी मध्य की सर्विलांस टीम ने गुजरात पुलिस के सहयोग से गिरफ्तार किया है। जालसाजों ने आलमबाग स्थित एक मकान में ट्रेनिंग सेंटर बना रखा था। आरोपियों के पास से कम्प्यूटर, रेलवे की मोहर, नक्शे और ट्रेनिंग सामग्री मिली है। लखनऊ के साथ ही आरोपियों ने गुजरात, बिहार, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, दिल्ली और उड़ीसा तक में जाल फैला रखा है।

डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा के मुताबिक रेल विभाग के नाम से मिलती हुई एक वेबसाइट बनाई गई थी। जिसके जरिए विभिन्न पदों पर भर्ती के विज्ञापन वेबसाइट पर दिए गए थे। जालसाज नौकरी के इच्छुक लोगों से ऑनलाइन आवेदन मंगाते थे।कुछ वक्त बाद ऑनलाइन परीक्षा आयोजित कर चयनित अभ्यर्थियों की सूची वेबसाइट पर लोड की जाती थी। चयन सूची में नाम शामिल होने का दावा कर चिह्नित लोगों को फोन कर उनसे 15 लाख रुपये जमा करने के लिए कहा जाता था।

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गुजरात के राजकोट शहर में रेलवे की फर्जी वेबसाइट बना कर किए जा रहे फर्जीवाडे का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी जांच राजकोट क्राइम ब्रांच कर रही थी। जांच में पता चला कि चयनित लोगों की ट्रेनिंग लखनऊ में कराई गई थी। राजकोट क्राइम ब्रांच ने यह डिटेल साझा की थी। साथ ही इंस्पेक्टर महेश भाई रावारी टीम के साथ लखनऊ पहुंचे थे। इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह यादव के मुताबिक आलमबाग रेलवे कालोनी स्थित मकान में फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चलाए जाने का पता चला था।जिसके आधार पर गुरुवार देर रात छापा मारा गया। इस दौरान राजकोट क्राइम ब्रांच के साथ ही डीसीपी मध्य सर्विलांस सेल के एसआई प्रशांत वर्मा, सिपाही आशीष मिश्रा समेत सात लोग मौजूद थे। रेलवे कालोनी स्थित मकान से देवरिया निवासी हिमांशु पाण्डेय, बिहार निवासी शशि प्रकाश गुप्ता और पारा निवासी सूरज मौर्य को पकड़ा गया। पूछताछ में जानकारी मिली की 15 लाख रुपये लेने के बाद युवकों को ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भेजा जाता था। रेलवे कालोनी में मकान होने ट्रेनिंग के लिए आने वाले लोगों को शक भी नहीं होता था।

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