ग्रैड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने किया धरना प्रदर्शन
देहरादून । उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार अनुशासित कहीं जाने वाली पुलिस फोर्स से जुड़े पुलिसकर्मियों के परिजन इस तरह से सड़कों पर उतरे है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि ना सरकार और ना ही पुलिस महकमे के आला अधिकारी इस बात की गंभीरता को समझ पाए कि अगर निचले तबके का कर्मी परेशान होगा तो आंदोलन की चिंगारी जरूर भड़केगी | कोशिश यह होनी चाहिए थी कि तमाम पुलिसकर्मियों की मांग के अनुसार उन्हें 4600 ग्रेड पे का लाभ सरकार को उन्हें दे देना चाहिए था|
रविवार को देहरादून के गांधी पार्क में परिजनों का आंदोलन दिखाई दिया तो राजनीतिक दलों के संगठन भी उन्हें समर्थन देने पहुंच गए उत्तराखंड पुलिस जवानों के ग्रेड पे के मसले पर जारी परिवार जनों के आंदोलन में कॉंग्रेस सेवा दल ने भी अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराते हुए गांधी पार्क पर ध्वजारोहण करते हुए विरोध दर्ज कराया।
सूबे में धरना प्रदर्शन पर नियंत्रण करने वाली पुलिसकर्मियों के परिजन ही धरने प्रदर्शन पर तैयार हैं। दरअसल कई महीनों से लंबित पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे के मामले को लेकर पुलिस के आला अधिकारियों ने जवानों से संयम बरतने को कहा है वैसे ऐसा बहुत कम देखने को मिला है, जब पुलिस के अपने ही शिकायत दर्ज कराने को धरना प्रदर्शन पर उतरने की तैयारी कर रही हो।
पुलिसकर्मियों के परिजन पूरे प्रदेश में ग्रेड पे की मांग को लेकर प्रदर्शन पर अड़ गये हैं। पुलिसकर्मियों के परिजनों की इस चेतावनी से प्रदेश के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। सूबे के डीजीपी अशोक कुमार कई बार यह कह चुके हैं कि सरकार ग्रेड पे के मामले पर गंभीर है और इसके लिये एक समिति भी सरकार ने बनायी है।
आज के संभावित धरना प्रदर्शन को देखते हुए हुये सूबे के सभी जिलों के कप्तानों ने अपने अपने जिले में किसी पुलिसकर्मी के धरना प्रदर्शन में शामिल होने पर नजर बनाए रखी है। अगर इस धरना प्रदर्शन में पुलिस कर्मी भी शामिल होते हैं तो यह पुलिस में अनुशासन भंग होने की असहज स्थिति होगी। सूबे के आला पुलिस अधिकारी ऐसी स्थिति से बचने की हरसंभव कोशिश में जुट गये हैं।
धरना प्रदर्शन करने की भनक लगते ही मातहत पुलिस कर्मियों को समझाने की कोशिशें की जानी शुरू हो गयी है । बाकायदा वीडियो संदेश जारी किये गये हैं। खुद डीजीपी अशोक कुमार ने अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष उनका पक्ष रख दिया गया है और सरकार बड़ी गंभीरता से उनकी इस मांग पर विचार कर रही है।