चुनाव में बेरोजगारों पर सभी दलों की नजर
देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मैदान सज चुका है। राजनीतिक दल किसी भी वर्ग को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इनमें एक वर्ग ऐसा है, जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। यह है बेरोजगार वर्ग। प्रदेश में इनकी संख्या 8.42 लाख है। सबसे अधिक पंजीकृत बेरोजगार 1.03 लाख देहरादून और सबसे कम 26 हजार बेरोजगार चम्पावत में हैं। बेरोजगारों की यह संख्या कुल मतदाताओं के 10 फीसद से अधिक है। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक दल बेरोजगारों को अपने चुनावी एजेंडे में प्राथमिकता में रखे हुए हैं।
प्रदेश में आने वाली सभी सरकारें रोजगार सृजन के दावे करती रही हैं। सरकारी सेवाओं में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया की जाती है। बेरोजगारी दूर करने के लिए स्वरोजगार की योजनाएं चलाई गई हैं। यह बात दीगर है कि इसका फायदा अधिकांश प्रभावशाली व्यक्तियों को ही मिल पाता है। यही कारण है कि प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हर साल हजारों युवा इंटर व स्नातक की परीक्षा पास कर रोजगार की तलाश में निकल रहे हैं। नौकरी न मिलने के कारण इनमें रोष भी है।