बजट सत्र पर मंडरा रहा कोरोना का काला साया, जाने कौन पहुंचा महासचिवों से उपाय लेने?
नई दिल्ली| संसद के बजट सत्र पर कोरोना का कला साया मंडरा रहा है| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश के तमाम संस्थानों की ओर से सावधानियां बरती जानें लगी हैं। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोनों सदनों के महासचिवों को कोरोना प्रसार के मौजूदा परिदृश्य की समीक्षा करने और आगामी बजट सत्र के सुरक्षित संचालन के लिए प्रभावी उपाय सुझाने का निर्देश जारी किया है|
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से ये सुझाव ऐसे वक्त में मांगे गए हैं जब लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों और संबद्ध सेवाओं से जुड़े करीब 400 कर्मचारी पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। नतीजतन कर्मचारियों को कार्यालय आने से रोक दिया गया है।
आमतौर पर बजट सत्र जनवरी के अंत में शुरू होता है। यह घटनाक्रम संसद के बजट सत्र से पहले सामने आया है। सूत्रों की मानें तो लोकसभा सचिवालय के 200 कर्मचारी, राज्यसभा सचिवालय के 65 कर्मचारी और संबद्ध सेवाओं के 133 कर्मचारी गत चार जनवरी से आठ जनवरी के बीच नियमित कोविड जांच में संक्रमित पाए गए। आलम यह है कि राज्यसभा सचिवालय ने कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति पर प्रतिबंध लगा दिया है।
राज्यसभा के कर्मचारियों में विकलांग और गर्भवती महिलाओं को कार्यालय आने से छूट दी गई है। यही नहीं भीड़भाड़ से बचने के लिए सचिवालय के शुरू और बंद होने का समय बदला गया है। जारी सर्कुलर के मुताबिक सभी आधिकारिक बैठकें डिजिटल माध्यम से होंगी। वहीं लोकसभा सचिवालय ने अपने सर्कुलर में कहा है कि अवर सचिव स्तर से नीचे के 50 फीसद अधिकारी अपने संबंधित निदेशकों की ओर से तय किए गए रोटेशन के अनुसार कार्यालय में उपस्थित रहेंगे।