मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउंड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को परेड़ ग्राउण्ड में बाबा बौखनाग की डोली के अयोध्या धाम भ्रमण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बाबा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा डोली को स्वयं कंधा देकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग डोली समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी भी बाबा बौखनाग के प्रति गहरी आस्था है। बाबा की कृपा पूरे उत्तराखण्ड पर है। इसका उदाहरण सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशल रिहाई है। जिनकी कृपा से यह असंभव कार्य संभव हो सका।
उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी विशेषज्ञों के साथ इंदौर, चेन्नई, हैदराबाद आदि स्थानों से मशीनरी भेजी तथा विदेशों से भी विशेषज्ञ बुलाये, सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों की सकुशल वापसी में आ रहे अवरोध के समय हम सब विचलित हो रहे थे। उस समय हमें बाबा का स्मरण करने से रास्ता मिला और सभी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम दिन तीन घंटे के बजाय आधे घंटे में ही बाहर आए। पूरे देश में इस घटना की चर्चा हुई और हमारे प्रयासों की तारीफ भी हुई, यह बाबा का आशीर्वाद रहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन सिलक्यारा की सफलता में बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, प्रगाढ़ इच्छाशक्ति के साथ ही पग-पग पर उनके सहयोग से विभिन्न संस्थानों, सेना के जवानों, रेट माइनर्स और ग्राउण्ड जीरो पर राज्य सरकार के समेकित प्रयासों से सुरंग में फंसे मजदूरों को जीवन बचाने में हम सफल हो पाए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका। केन्द्र सरकार की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ बचाव एजेंसियों की बदौलत हम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब हो सके। 17 दिन 41 जिंदगियों के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय उन्होंने वहां पर बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण की घोषणा की थी, वह कार्य हो रहा है। शीघ्र ही मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़कोट पंपिंग पेयजल योजना के शीघ्र समाधान का आश्वासन देते हुए बाबा बौखनाग मेले को राजकीय मेले के रूप में आयोजित किये जाने की बात कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा की कृपा से आज हमारा राज्य नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में 10वें से पहले स्थान पर आया है। चारधाम यात्रा में भी रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। बाबा की कृपा से यमुनोत्री और गंगोत्री में भी श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में बढ़ी है। गंगोत्री यमुनोत्री के साथ महासू देवता के स्थल हनोल का भी मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। अस्कोट से आराकोट तक राज्य समग्र रूप में विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है, हमने राज्य हित में अनेक कठिन व कठोर निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता अधिनियम लागू कर हमने प्रदेश की जनता से किया वायदा पूरा किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली समान नागरिक संहिता की गंगा पूरे देश में जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि जैसे पवित्र भूमि पर लंबे समय से विभिन्न विभागों की सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा था। सरकार द्वारा अभियान चलाकर ऐसी 05 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये प्रदेश में किसी भी तरह का धर्मांतरण ना हो पाए इसके लिए सख्त कानून का प्रावधान किया गया है। सरकार संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध हमने सख्त कार्रवाई करते हुए दंगा निरोधक कानून बनाया है। जिसके अंतर्गत संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वाले से ही उसकी वसूली की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में 15 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई हैं। प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं की प्रतिभा का सम्मान किया गया है। पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था से युवा एक साथ कई पदों के लिये पात्रता में आ रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, तीर्थाटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। सड़कों के विकास, हवाई यातायात एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास से चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा दुगने तीर्थ यात्री प्रदेश में आये हैं।इस अवसर पर विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल, समिति के अध्यक्ष श्री जयेन्द्र सिंह रावत, पूर्व विधायक श्री राजकुमार, श्री मनवीर चौहान, श्री विनोद डोभाल, श्री दीपक बिजल्वाण, श्री सतेन्द्र राणा, श्री आलोक रावत, श्री चण्डी प्रसाद, श्री यशवंत सिंह, श्री गोपाल सिंह रावत आदि उपस्थित थे।