देवस्थानम बोर्ड का तीर्थ पुरोहित भी कर रहे है विरोध
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देहरादून | आपको बता दे कि जनवरी 2020 में उत्तराखंड सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। इसके साथ ही चार धाम समेत 51 अन्य मंदिरों का नियंत्रण राज्य सरकार के पास आ गया था। साथ ही उत्तराखंड में केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ चार धाम हैं। इसके खिलाफ पिछले साल बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था।
उत्तराखंड में नव नियुक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पदभार ग्रहण करने के अगले ही दिन भाजपा सरकार को चुनौती देते हुए सत्ता में आने पर चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग करने का एलान कर दिया है उन्होंने कहा कि यह एक्ट हक हकूकधारियों के अधिकारों का हनन करता है।
कांग्रेस अध्यक्ष गोदियाल ने कहा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित लगातार इस बोर्ड का विरोध कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से सुनवाई नहीं हो रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन बोर्ड के मसले पर गंभीर हैं साथ ही देवस्थानम बोर्ड को लेकर किसी भी पक्ष की शंकाओं को दूर करने और सकारात्मक सुझावों के लिए मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय समिति गठित करने की घोषणा की है। लेकर किसी भी पक्ष की शंकाओं को दूर करने और सकारात्मक सुझावों के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हाई पावर कमेटी गठित करने की घोषणा की है।
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