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यूपी विधानसभा चुनाव में अंधविश्वास और विकास की टक्कर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 पिछले पांच वर्षो में अस्पतालों के उद्घाटन और निरीक्षण से लेकर अनेक अवसरों पर नोएडा आकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां से जुड़े हुए एक मिथक को तोड़ दिया है।

उत्तरप्रदेश |  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक किस्म के अंधविश्वास और विकास की टक्कर भी है। नोएडा के संदर्भ में यह मिथक प्रचलित रहा है कि यहां राज्य का जो भी मुख्यमंत्री आता है, वह दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठ पाता है। यही कारण है कि बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती से लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव तक नोएडा आने से कतराते रहे हैं।

जबकि अखिलेश यादव आस्ट्रेलिया में पढ़े हैं, आधुनिक विचारों के हैं, फिर भी उनका नोएडा न आना यह दर्शाता है कि वह भी मिथक पर ज्यादा भरोसा करते हैं, खुद पर कम।वहीं इस मिथक के विपरीत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने इसे कभी अपने राह की बेड़ी नहीं बनने दिया।

वैसे तो वह कई बार नोएडा आए, लेकिन बीते दिनों एनसीआर यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विकास से संबंधित एक फोरम में इस बारे में उनसे जब सीधे सवाल किया गया तो उनका जवाब था, ‘मैं इस तरह के मिथक पर भरोसा नहीं करता ‘।मुझे  खुद पर विश्वास है, अपने विकास कार्यो पर मुङो पूरा भरोसा है।’ इसी कार्यक्रम में उन्होंने एनसीआर को उत्तर प्रदेश का चेहरा भी बताया। जाहिर है, इस चेहरे की खूबसूरती वही संवार सकता है जो इसे करीब से देखे।