September 7, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

अचानक बढ़े लोहे, अन्य धातुओं के दामों से कारोबारी चिंतित

परेशान कारोबारियों ने खटखटाया मोदी सरकार का दरवाजा।

नई दिल्ली | देश में अचानक बढ़े लोहे और अन्य धातुओं की कीमतों से कारोबारी खासी चिंता में आ गए हैं। इसका असर ऑटोमोबाइल सेक्टर, ऑटो स्पेयर पार्ट्स, भवन निर्माण सामग्री और इंडस्ट्री के प्रॉडक्शन पर पड़ रहा है। आलम यह है, कि पिछले छह महीने में स्टील की कीमत में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। इससे परेशान कारोबारियों ने मोदी सरकार का दरवाजा खटखटाया है।

चेंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने समस्या को उठाकर केंद्रीय स्टील मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में स्टील कंपनियां मनमानी कर रही हैं। सभी मुनाफाखोरी में लगी हैं। उनका कहना है कि पिछले 6 महीने में स्टील के दाम करीब 50 फीसदी तक बढ़ गए हैं। 10-20 फीसदी की बढ़ोतरी तर्कसंगत मानी जा सकती है, लेकिन 50 फीसदी का इजाफा समझ से परे है। इससे महंगाई बढ़ रही है।

तमाम तरह के ऑटो पार्ट्स, गाड़ियों के कलपुर्जे, स्कूटर, थ्रीव्हील, फोर व्हीलर में स्टील का खूब इस्तेमाल होता है। मकान बनाने में भी सरिया, चौखट, खिड़की और जाल आदि बनाने में स्टील का इस्तेमाल होता है। सड़क निर्माण और पुल निर्माण में स्टील का उपयोग होता है।

इस समय, कोविड-19 के दौर में, वैसे ही लोगों के पास पैसा नहीं हैं। किसी तरह गुजर बसर हो रहा है। उस समय में धातुओं के रेट बढ़ने से बिजनेस प्रभावित हो रहा है। इसकारण कारोबारियों ने केंद्रीय मंत्री से निवेदन किया है, कि जल्द स्टील कंपनियों की मीटिंग बुलाएं, जिसमें कारोबारियों को भी सम्मिलित किया जाए। इसमें पूछा जाए कि स्टील और धातुओं के दामों में इजाफा क्यों हो रहा है? इस पर जल्द अंकुश लगना चाहिए, ताकि आम जनता और व्यापारी को भी महंगाई से राहत मिले।

ऑटोमेटिव एंड जनरल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट निरंजन पोद्दार का कहना है कि केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने भी एसोचैम की मीटिंग में कच्चे माल के बढ़ रहे रेट पर चिंता जाहिर की है। इससे उद्योग धंधे भी प्रभावित हो रहे हैं। सरकार जल्द इस विषय पर कुछ निर्णय लेगी। लोहा, कॉपर, ब्रास समेत अन्य धातु खनिज के रेट पिछले एक-डेढ़ महीने में 30 प्रतिशत तक बढ़े हैं। इससे लघु कुटीर उद्योग खतरे में आ गए हैं। सरकार से आग्रह है कि इससे जुड़ी एक रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाए।

स्टील कारोबारी पवन आहूजा का कहना है कि एक महीने में लोहे के दाम में 12 से 15 रुपए किलो की तेजी आ गई है। यह लोहा कारोबारियों के लिए बड़ी मुश्किल दौर चल रहा है। ट्रैक्टर पार्ट्स, हथौड़ा, हल, थ्रेशर, कील, छलनी समेत बहुत सारे पार्ट्स के रेट बढ़े हैं। हमें लगता है कि चीन समेत अन्य देशों से लोहे का इंपोर्ट नहीं होने और देश में पर्याप्त उत्पादन के अभाव में रेट बढ़े है। यदि कस्टम, जीएसटी और एक्साइज ड्यूटी घटती है, तब लोहा इंपोर्ट होगा। आयातित आयरन की क्वालिटी अच्छी होती है, जो कम दाम में मिल जाती है। इस्पात, प्लास्टिक और कीमती धातुओं जैसे कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि की वजह से मारुति सुजुकी, हुंडई इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा, किया मोटर्स और रेनॉ इंडिया समेत कई कंपनियों ने जनवर 2021 से कारों की कीमत बढ़ाने की घोषणा कर दी है। मारुति सुजुकी इंडिया का कहना है कि वह कारों के रेट बढ़ाने को मजबूर है।

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