नशा मुक्ति केंद्रों के 4 के लिए सख्त नियम, मानसिक स्वास्थ्य नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी
नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के लिए सख्त नियम, मानसिक स्वास्थ्य नियमावली को कैबिनेट की मंजूर
प्रदेश में बिना पंजीकरण संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्रों के खिलाफ सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। राज्य कैबिनेट ने मानसिक स्वास्थ्य नियमावली पर मुहर लगा दी है, जिसके बाद नशा मुक्ति केंद्रों के संचालन के न्यूनतम मानक निर्धारित किए गए हैैं। जिनका उल्लंघन करने पर दंड का भी प्रावधान है।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की मानसिक स्वास्थ्य नीति के आधार पर राज्य की नीति तैयार की गई है। इसके तहत मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों (नशा मुक्ति केंद्रों सहित) को निर्धारित नियमों के अनुरूप संस्थानों का संचालन करना होगा। इनकी समय-समय पर जांच एवं निरीक्षण व नियमों का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान के साथ मानसिक रोग विशेषज्ञ, नर्सों, मनोचिकित्सकीय सामाजिक कार्यकर्ताओं का पंजीकरण अनिवार्य होगा। मानसिक रोग विशेषज्ञों से पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा।
मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों को देना होगा पंजीकरण शुल्क:
प्रदेश में संचालित नशा मुक्ति केंद्र या मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों को अनिवार्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में पंजीकरण करना होगा। इसके लिए शुल्क भी लिया जाएगा। एक साल के अस्थायी लाइसेंस के लिए दो हजार रुपये शुल्क होगा। इसके बाद स्थायी पंजीकरण के लिए 20 हजार शुल्क देना होगा।
इन नियमों का भी करना होगा पालन:
नशा मुक्ति केंद्र रोगी को कमरे में बंधक बना कर नहीं रख सकते हैं।
चिकित्सीय परामर्श पर नशा मुक्ति केंद्रों में मरीज को रखा और डिस्चार्ज किया जाएगा।
केंद्र में फीस, ठहरने, खाने का मेन्यू प्रदर्शित करना होगा।
मरीजों के इलाज के लिए मनोचिकित्सक, चिकित्सक रखना होगा।
केंद्र में रोगियों के लिए खुली जगह होनी चाहिए।
जिला स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य समीक्षा बोर्ड के माध्यम से इनकी निगरानी की जाएगी।
मानसिक रोगी को स्वजन से बात करने के लिए फोन की सुविधा दी जाएगी।
कमरों में एक बेड से दूसरे बेड की दूरी भी निर्धारित की गई है।
13 जनपदों के पुनर्विलोकन बोर्डों का गठन:
प्रदेश में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं सात स्थानों पर 13 जनपदों के पुनर्विलोकन बोर्डों का गठन कर दिया गया है।
हरिद्वार, देहरादून, ऊधमसिंह नगर में पुनर्विलोकन बोर्ड।
पौड़ी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग व चमोली का सेंटर श्रीगर गढ़वाल।
टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी जनपद का नई टिहरी और बागेश्वर, पिथौरागढ़ व चंपावत का पिथौरागढ़ में बोर्ड।
नियमों का उल्लंघन करने पर 2 साल तक की जेल
मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों के प्रथम बार नियमों का उल्लंघन करने पर पांच से पचास हजार रुपये, दूसरी बार दो लाख रुपये व बार-बार उल्लंघन पर पांच लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। गैर पंजीकृत मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में कार्य करने वाले मानसिक स्वास्थ्य वृत्तिकों पर 25 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
अगर कोई व्यक्ति अधिनियम के अधीन बनाये गए नियम या विनियम के उपबंधों का उल्लंघन करता है तो ऐसी स्थिति में प्रथम बार छह माह की जेल या दस हजार रुपये जुर्माना और बार-बार उल्लंघन पर दो वर्ष की जेल या पचास हजार से पांच लाख रुपये रुपये जुर्माना अथवा दोनों दंड का प्रावधान है।