October 14, 2025

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तीसरी लहर की आशंका के बीच स्कूल खोलने पर ‘वेट एंड वाच’ नीति अपना रहीं राज्य सरकारें

ब कोरोना मरीजों की संख्या घटने लगी है, तो इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या जल्दी ही स्कूलों में रौनक लौटेगी?

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर ने स्कूल खुलने की उम्मीदों पर फिर से पानी फेर दिया है। हालांकि, अब कोरोना मरीजों की संख्या घटने लगी है, तो इस बात की चर्चा जोर पकड़ने लगी है कि क्या जल्दी ही स्कूलों में रौनक लौटेगी? विशेषज्ञों का मानना है कि देश में अगस्त से अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में ज्यादातर राज्य सरकारें अभी स्कूल खोलने को लेकर असंमंजस में हैं। यूपी ने अगले माह से स्कूल खोलने का निर्णय जरूर लिया है, लेकिन केवल स्टाफ को स्कूल जाने की अनुमति दी गई है। बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखेंगे।
दिल्ली में अनलॉका का चौथा चरण सोमवार से लागू हो गया है और पाबंदियों में और भी ढील दे दी गई है। उधर, यूपी सरकार ने अगले महीने से स्कूल खोलने का फैसला किया है, लेकिन बिना बच्चों के। मतलब, उत्तर प्रदेश में 1 जुलाई से स्कूल खुल जाएंगे, लेकिन बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे। सरकार ने सिर्फ ऑफिस के कामकाज निपटाने के लिए शिक्षकों और अन्य स्टाफ को स्कूल जाने की अनुमति दी है।

वहीं, केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य सरकारें अपने यहां स्कूल खोलने का निर्णय तभी लें जब पूरा भरोसा हो जाए कि स्कूल जाने पर बच्चे बीमार नहीं होंगे। नीति आयोग के अध्यक्ष कोविड-19 महामारी पर गठित एक सेंट्रल वर्कफोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि स्कूलों को खोलने से पहले कई तथ्यों को ध्यान में रखना होगा। उन्होंने विदेशों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन देशों में स्कूल खोले गए थे, लेकिन उन्हें फिर से बंद करने का फैसला लेना पड़ा।

दरअसल, कोरोना की पहली लहर के वक्त पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही 25 मार्च से स्कूल बंद हो गए। तब से स्कूल बंद ही पड़े हैं। इस बीच बोर्ड परीक्षाएं भी रद्द की जा चुकी हैं और अब कुछ फॉर्म्युलों के तहत 10वीं और 12वीं के बच्चों के रिजल्ट तैयार किए जा रहे हैं।
कोरोना की तीसरी लहर की भी गुंजाइश जताई जा रही है, इस कारण यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकारें स्कूल खोलने की दिशा में फूंक-फूंक कर ही कदम बढ़ाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि देश में अगस्त से अक्टूबर के बीच कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। ऐसे में ज्यादातर राज्य सरकारें वेट एंड वॉच की नीति अपना रही हैं।

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