पौड़ी | तथाकथित राज्य आन्दोलनकारी बने प्रशासन की सरदर्दी
पौड़ी | पौड़ी में खुद को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी बता रहे कुछ तथाकथित लोग जिला प्रशासन के लिये बड़ी सरदर्दी बने हुए हैं। ये तथाकथित लोग पूर्व में निर्गत किये गये राज्य आंदोलनकारी के परिचय पत्रों को अब तक आधार बनाकर कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अनिश्चीतकालीन धरना पर बैठ गये हैं। वहीं ये लोग राज्य आंदोलनकारी की पेंशन को दोबारा बहाल करने की मांग पर अड़े हैं।
दरअसल पूर्व में पौड़ी के तत्कालीन जिलाधिकारी सुशील कुमार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों के प्रमाणों पर दोबारा से एक 14 सदस्यीय जांच कमेटी बैठाकर राज्य आंदोलन के दस्तावेजों को बारीकी से खंगाला गया तो जिले में 139 लोग ऐसे पाये गये जिनके साक्ष्य व प्रमाण राज्य आंदोलन से मेल ही नहीं खा रहे थे।
ऐसे में शासन को अग्रिम शासनादेश के लिये प्रशासन ने अपनी जांच रिर्पोट भेजी और इन लोगों को मिलने वाली राज्य आंदोलनकारी की पेंशन को वर्ष 2017 से बंद कर दिया गया। साथ ही साथ इन लोगों को निर्गत किये गये परिचय पत्र को भी निरस्त किया गया जिससे राज्य आंदोलनकारियों को मिलने वाले सरकारी योजनाओं का लाभ ये तथाकथित लोग न ले सकें।
ऐसे में खुद को चिन्हित राज्य आंदोलनकारी बता रहे इन तथाकथित लोगों ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अपना अनिश्चीतकालीन धरना शुरू कर दिया है। इन लोगोंका कहना है कि प्रशासन ने उनकी पेंशन बहाल नहीं की तो वे लोग मुख्यालय में जल्द ही उग्र आंदोलन भी करेंगे।
वहीं जिलाधिकारी ने बताया कि इन तथाकथित लोगों पर अग्रिम कार्यवाही के लिये शासन के दिशा निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है जिसके बाद ही उचित कार्यवाही की जायेगी।