देश में हो रही वैक्सीन की कमी, पर दान देने में सबसे आगे
- देश में वैक्सीन की कमी, दान देने में सबसे आगे
- विदेशों को मदद के तौर पर डोज देने का सिलसिला जारी
नई दिल्ली । भारत ने सबसे पहले अपने पड़ोसी देशों को वैक्सीन देने के साथ वैक्सीन मैत्री पहल की शुरुआत की। अब तक हमने 72 देशों को मेड इन इंडिया वैक्सीनों की सप्लाई की है।
कोविड-19 महामारी जैसी वैश्विक चुनौती के दौर में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी मित्रता को लेकर जो कदम उठाए, उससे भारत का कद विश्व में ऊंचा हुआ है।
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17 मार्च 2021 को विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राज्यसभा में यह बात कही थी। वे सदन में वैक्सीन मैत्री शुरू करने के पीछे की सोच बता रहे थे। इस पहल के तहत भारत अब तक 45 देशों को 1 करोड़ से ज्यादा डोज मदद के तौर पर दे चुका है। इसके लिए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (World Health Organization – WHO) के चीफ टेड्रोस ग्रेब्रेयेसस से लेकर कई देशों के प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
देश में सिर्फ 5 दिन का स्टॉक
सब कुछ ठीक चल रहा था, तभी देश में एक समस्या खड़ी हो गई। हमारे ही कई राज्यों से अचानक वैक्सीन की कमी की खबरें आने लगीं। महाराष्ट्र में तो कई जगह वैक्सीनेशन रोकना पड़ा।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक कई राज्यों के पास औसतन 5.5 दिन का स्टॉक बचा हुआ है। आंध्र प्रदेश में 1.2 दिन तो बिहार में 1.6 दिन का ही स्टॉक है। हालांकि, सरकार कह रही है कि देश में वैक्सीन की कमी नहीं होगी। ऐसे में विपक्ष ने दूसरे देशों को वैक्सीन सप्लाई करने पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी बड़ी समस्या है। अपने देशवासियों को खतरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट करना क्या सही है?
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