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सऊदी अरब को पछाड़ रूस बना भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश

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इराक के बाद अब रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया है।
सऊदी अरब को पछाड़ रूस बना भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश

नई दिल्ली । रूस ने कठिन दौर में भारत के साथ मित्रता निभाते हुए सऊदी अरब को पछाड़ तेल आपूर्ति करने में रिकॉर्ड बनाया है और यह सब उस समय जब रूस और यूक्रेन युद्ध को लगभग साढ़े तीन महीने (110) दिन हो अधिक बीत चुके हैं। इस जंग की कारण से जहां दुनिया के ज्यादातर देश रूस पर राजनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध लगा रहे हैं। वहीं, भारत इस देश के साथ तेल आयात लगातार बढ़ा रहा है।

इराक के बाद अब रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीते मई में रूस, सऊदी अरब को पीछे करते हुए भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया। बता दें कि अभी भी इराक इस मामले में नंबर एक पर बना हुआ है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मई महीने में भारतीय रिफाइनरी कंपनियों को लगभग 819,000 बैरल प्रति दिन (BPD) रूसी तेल प्राप्त हुआ, जो किसी भी महीने में अब तक का सर्वाधिक रिकार्ड है। वहीं, अप्रैल में रूसी तेल की आपूर्ति लगभग 277,00 बैरल प्रति दिन थी। यह पिछले साल रूस से भारत आए मासिक औसत कच्चे तेल 382,500 मीट्रिक टन से नौ गुना ज़्यादा है।

यह रिकार्ड ऐसे समय में बना है जब रूस, यूक्रेन पर हमले के कारण पश्चिमी मुल्कों की ओर से लगाए गए कठोर प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। अमेरिका समेत अन्य पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण रूस को तेल की कीमतों में रियायत तक देनी पड़ी है। यूक्रेन संघर्ष के कारण दुनिया के अधिकांश देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। कई देशों ने उससे तेल और गैस लेना भी बंद कर दिया है। ऐसे में भारत ने रूस से सस्ता तेल खरीदने का फैसला लिया था। तमाम प्रतिबंधों के बावजूद रूस अपना तेल बेचने में पूरी तरफ सफल रहा है। भारत-रूस के संबंधों को लेकर भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव का कहना है कि राष्ट्रपति पुतिन भारत के साथ सम्मानजनक संबंधों को बेहद तरजीह देते है। इतना ही नहीं, विश्व के अन्य मुख्य मुद्दों पर भी दोनों देशों की सोंच काफी हद तक मिलती है।

भारत उन देशों में शामिल है, जिन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा नहीं की है। ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कनाडा समेत कई पश्चिमी देशों ने पहले ही रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया, तो खुद रूस ने कई देशों को शर्तों को पूरा न करने के कारण सप्लाई रोक दी है। इस कारण पूरी दुनिया में तेल और गैस के दाम में जबरदस्त उछाल देखा गया। इसी को काटने के लिए रूस ने सस्ते दाम पर अपने तेल और गैस को बेचना शुरू कर दिया। इसका फायदा भारत समेत कई देशों ने उठाया है।

बता दें कि भारत की सरकारी तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और मैंगलोर रिफाइनरी ने रूस के कच्चे तेल की खरीद की है। भारत पेट्रोलियम ने ट्रेडर ट्रैफिगुरा से 2 मिलियन बैरल रूसी तेल को खरीदा है। भारत पेट्रोलियम नियमित रूप से कोच्चि रिफाइनरी के लिए 310,000 बैरल प्रति दिन के हिसाब से कच्चे तेल की खरीद कर रहा है। वहीं, भारत पेट्रोलियम ने भी मई में 2 मिलियन बैरल रूसी कच्चे तेल की खरीद की है। इंडियन ऑयल ने तो 24 फरवरी के बाद से रूस से 6 मिलियन बैरल से अधिक तेल की खरीद की है। इनके अलावा भारतीय निजी रिफाइनरी नायरा एनर्जी भी तेल की खरीद कर रही है।