भ्रष्टाचार की बुनियाद बन रहा रूद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग | नगर पालिका की भूमि पर मुख्य बाजार में इन दिनों चार दुकानों का निर्माण हो रखा है, लेकिन इन दुकानों का स्वामी कौन है इसकी जानकारी स्पष्ट रूप से नहीं मिल पा रही है ऐसे में अक्सर विवादों में रहने वाली नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अवैध निर्माण कार्य को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। आरोप है कि पालिका द्वारा बिना टेंडर किए ही चार दुकानों का निर्माण कर दिया गया है। जबकि नगर पालिका इन दुकानों के निर्माण को लेकर कुछ भी स्पष्ट करने से कतरा रही है।
दरअसल नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग के मुख्य बाजार के डाट पुल के समीप तूना-बौंठा मोटर मार्ग के शुरूआत में हाल ही में चार दुकानों का निर्माण हुआ है, लेकिन इन दुकानों का स्वामी कौन है इसका अभी पता नहीं चल पा रहा है। यह भूमि नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग की है ऐसे में नगर पालिका परिषद रूद्रप्रयाग के अधिशासी अधिकारी सीमा रावत से पूछा गया तो उन्होंने जानकारी दी कि संबंधित मामले में दुकान बनाने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में प्रस्तावित है, लेकिन इससे आगे वे कुछ भी कहने से बचते नजर आये। जबकि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना में भी नगर पालिका ने स्पष्ट किया है कि उनके द्वारा नगरपालिका बस अड्डे में डाट पुल के पास कोई दुकानों का निर्माण नहीं किया गया है। दूसरी तरफ कांग्रेस के सभासद इस निर्माण कार्य मैं भाजपा के सत्ताधारी नेताओं का हाथ बता रहे हैं जबकि रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने सभासद के इन आरोपों को खारिज करते हुए पूरे मामले में जिलाधिकारी को जांच के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों की माने तो रुद्रप्रयाग नगर पालिका परिषद ही खुद इस निर्माण कार्य को करवा रही है और इन दुकानों को गुपचुप तरीके से किराए पर भी दिया जा चुका है हालांकि बताया ऐसा भी जा रहा है कि रुद्रप्रयाग में अवैध तरीके से कहीं दुकानें तैयार की जा चुकी हैं जिनका किराया नगर पालिका परिषद के पास ना आकर किसी व्यक्ति विशेष के पास जाता है। उधर अब यूकेडी इन लावारिस दुकानों पर अपना कार्यालय खोलने का दावा कर रही है।
हालाँकि पूरा मामला अब जिलाधिकारी के पास है देखना होगा की डीएम इसमें क्या कार्यवाही करते हैं।