राज्यसभा चुनाव: चिदंबरम, मीसा सहित 41 निर्विरोध निर्वाचित, 16 सीटों पर मुक़ाबला बाकी
नई दिल्ली । संसद के उच्च सदन राज्यसभा की रिक्त हो रही 57 सीटों पर चुनाव से पहले ही 41 उम्मीदवारों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। ये 41 सीटें 11 राज्यों में हैं। शुक्रवार को राज्यसभा चुनाव के लिए नाम वापसी की आखिरी तारीख थी। इन 41 प्रत्याशियों के खिलाफ कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं था, ऐसे में इन्हें बिना चुनाव के ही विजयी घोषित कर दिया गया।
विजयी प्रत्याशियों में पी. चिदंबरम, राजीव शुक्ला, सुमित्रा वाल्मीकि, कविता पाटीदार, कपिल सिब्बल, मीसा भारती और जयंत चौधरी जैसे नेता शामिल हैं। अब इन 41 सीटों के अलावा बाकी सीटों पर 10 जून को चुनाव होंगे। इनमें महाराष्ट्र की छह, राजस्थान व कर्नाटक की चार-चार और हरियाणा की दो सीटें हैं। नतीजे भी उसी दिन घोषित कर दिए जाएंगे।
राज्यों के हिसाब से देखें तो उत्तर प्रदेश में सभी 11 सीटों पर उम्मीदवारों को बिना मुकाबले के निर्वाचित घोषित कर दिया गया है। इसके अलावा तमिलनाडु में छह, बिहार में पांच, आंध्र प्रदेश में चार, मध्य प्रदेश व ओडिशा में तीन-तीन, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना व झारखंड में दो-दो और उत्तराखंड में एक उम्मीदवार विजयी घोषित किया गया है। पार्टियों की बात करें तो निर्विरोध निर्वाचित 41 उम्मीदवारों में से 14 भाजपा के, चार-चार कांग्रेस व वाईएसआर कांग्रेस के हैं। डीएमके और बीजू जनता दल के तीन-तीन। आम आदमी पार्टी, आरजेडी, टीआरएस व एआईएडीएमके के दो-दो, झामुमो, जेडीयू, सपा और आरएलडी के एक-एक नेता शामिल हैं। इनके अलावा निर्दलीय मैदान में उतरे कपिल सिब्बल भी राज्यसभा पहुंच गए हैं।
उत्तर प्रदेश: विजयी घोषित नेताओं में भाजपा के दर्शन सिंह, बाबू राम निषाद, मिथिलेश कुमार, राधा मोहन दास अग्रवाल, के. लक्ष्मण, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, सुरेंद्र सिंह नागर, संगीता यादव हैं। इनके अलावा रालोद से जयंत चौधरी, सपा से जावेद अली खान और निर्दलीय कपिल सिब्बल शामिल हैं।
तमिलनाडु: सत्तारूढ़ डीएमके के एस कल्याणसुंदरम, आर गिरिराजन और केआरएन राजेश कुमार, अन्नाद्रमुक के सीवी षणमुगम व आर धर्मर और कांग्रेस के पी. चिदंबरम की राज्यसभा में सीट पक्की हो गई है। नए सांसदों के आने से उच्च सदन में डीएमके के 10 सांसद बने रहेंगे लेकिन अन्नाद्रमुक का प्रतिनिधित्व पांच से घटकर चार रह जाएगा। चिदंबरम के निर्वाचन से कांग्रेस के पास लंबे समय के बाद राज्यसभा में तमिलनाडु से एक सदस्य होगा। चिदंबरम 2016 में महाराष्ट्र से राज्यसभा पहुंचे थे और उनका कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म होना था।
बिहारः सभी पांच उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं, जिनमें आरजेडी से मीसा भारती व फैयाज अहमद, भाजपा से सतीश चंद्र दुबे व शंभू शरण पटेल और जेडीयू से खीरू महतो शामिल हैं। राजद प्रमुख लालू प्रसाद की सबसे बड़ी बेटी मीसा भारती और दुबे लगातार दूसरी बार राज्य सभा के लिए चुने गए हैं।
आंध्र प्रदेश: यहां सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस के वी विजयसाई रेड्डी, बीडा मस्तान राव, आर कृष्णैया व एस निरंजन रेड्डी भी निर्विरोध चुने गए हैं। इस जीत से वाईएसआर कांग्रेस की राज्यसभा में ताकत बढ़कर अब 9 हो गई है। राज्य की 11 राज्यसभा सीटों में से टीडीपी और भाजपा के पास खाते में एक-एक सीट आई है। विजयसाई लगातार दूसरी बार निर्वाचित हुए हैं।
पंजाब: आप के उम्मीदवार पर्यावरणविद् बलबीर सिंह सीचेवाल और उद्यमी व सामाजिक कार्यकर्ता विक्रमजीत सिंह साहनी को विजेता घोषित किया गया है। पंजाब से अंबिका सोनी (कांग्रेस) और बलविंदर सिंह भुंडर (शिरोमणि अकाली दल) का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म हो रहा है।
इससे पहले, मार्च में आप ने क्रिकेटर हरभजन सिंह, राघव चड्ढा, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक अशोक मित्तल, आईआईटी, दिल्ली के पूर्व संकाय सदस्य संदीप पाठक और उद्योगपति संजीव अरोड़ा को राज्यसभा भेजा था।
छत्तीसगढ़: सत्ताधारी कांग्रेस के दोनों प्रत्याशी राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। विपक्षी भाजपा ने राज्य विधानसभा में अपनी कम संख्या को देखते हुए उम्मीदवार नहीं उतारा था। छत्तीसगढ़ के पांच राज्यसभा सदस्यों में से दो, छाया वर्मा (कांग्रेस) और रामविचार नेताम (भाजपा) का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है।
झारखंड: झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ मांझी और भाजपा के आदित्य साहू निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए हैं।
उत्तराखंड: प्रदेश में भाजपा उम्मीदवार कल्पना सैनी भी निर्विरोध चुनी गईं हैं। कांग्रेस के प्रदीप टम्टा का कार्यकाल 4 जुलाई को खत्म होने के बाद कल्पना सैनी ऊपरी सदन में यह सीट हासिल करेंगी।
ओडिशा की तीनों सीट पर बीजद ने और तेलंगाना में टीआरएस ने दोनों सीट पर जीत हासिल की है।
इनके अलावा बाकी सीटों पर हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 10 जून को वोटिंग से उम्मीदवारों का चयन होगा। राजस्थान की चार और हरियाणा की दो सीटों पर कड़ा मुकाबला होना तय है, क्योंकि अंतिम दिन किसी भी उम्मीदवार ने उम्मीदवारी वापस नहीं ली है। महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच राज्यसभा की छठी सीट के लिए चुनावी मुकाबला होगा, क्योंकि सात उम्मीदवारों में से किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया है। वहां सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (एमवीए) के चार और भाजपा के तीन उम्मीदवार हैं।
राजस्थान में कांग्रेस तीन सीटों की उम्मीद लगा रही है, जबकि भाजपा एक सीट से चुनावी मैदान में है। चौथी सीट के लिए भाजपा ने निर्दलीय प्रत्याशी मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा का समर्थन किया है। हरियाणा में कांग्रेस ने एक सीट पर अजय माकन को और भाजपा ने अपना एक उम्मीदवार मैदान में उतारा है। जबकि दूसरी सीट के लिए भाजपा निर्दलीय उम्मीदवार और मीडिया कारोबारी कार्तिकेय शर्मा का समर्थन कर रही है।