December 23, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

कोरोना से मरे रेल कर्मियों के आश्रितों के लिए आगे आया रेलवे देगा नौकरी

उत्तर रेलवे ने कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी जान गंवाने वाले रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों की मदद के लिए ठोस कदम उठाया है। रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने के लिए विशेष अभियान चलाएगा।

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में देश भर में लाखों लोगों को अपने जीवन से हाथ धोना पड़ा। इस दौरान मृतकों के आश्रितों के परिवारों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह डगमगा गई। उत्तर रेलवे ने कोरोना संक्रमण के दौरान अपनी जान गंवाने वाले रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों की मदद के लिए ठोस कदम उठाया है। रेलवे कर्मचारियों के आश्रितों को नौकरी देने के लिए विशेष अभियान चलाएगा। आश्रित को उसकी योग्यता के अनुसार रेलवे में किसी पद पर नियुक्ति मिलेगी। उत्तर रेलवे के दिल्ली समेत प्रत्येक (अंबाला, फिरोजपुर, लखनऊ, मुरादाबाद) मंडल में 28 जून को शिविर लगाया जाएगा। दिल्ली मंडल में कोरोना संक्रमण के चलते करीब 75 रेल कर्मचारियों की जान चली गई। नियुक्ति से पहले आवेदक की शैक्षणिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज की जांच के साथ लिखित परीक्षा व साक्षात्कार होगा। इसमें सफल रहने पर 2 जुलाई को मेडिकल जांच होगी। परीक्षा की तैयारी के लिए 23 व 24 जून को ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन के अध्यक्ष एसएन मलिक ने कहा कि रेलकर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित करना चाहिए। मृतकों के आश्रितों के परिवारों की आर्थिक स्थिति तथा दिक्कतों को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा था कि मृतकों पर निर्भर परिवारों को केन्द्र तथा राज्य सरकारों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जान गंवाने वाले लोगों के परिवार को 4 लाख रु मुआवजा राशि दी जानी चाहिए। केन्द्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि वह कोरोना संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों के परिवारों को 4 लाख रु का मुआवजा नहीं दे सकती। सरकार ने कहा कि आपदा प्रबंधन कानून के तहत केवल प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, भूकंप आदि पर ही मुआवजा दिए जाने का प्रावधान किया है। यदि एक बीमारी से होने वाली मृत्यु पर मुआवजा दिया जाए और दूसरी से मृत्यु पर नहीं तो यह असंगत होगा। साथ ही सरकार ने कहा थी कि यदि सभी जान गंवाने वाले लोगों को चार लाख रुपए की सहायता राशि दी गई तो इससे एसडीआरएफ का पूरा पैसा इसी एक कार्य में समाप्त हो जाएगा और कोविड 19 के खिलाफ लड़ने के लिए संसाधनों की कमी हो सकती है।