November 14, 2024

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धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के प्रमाण: योगी आदित्यनाथ

जांच एजेसियों को नापाक विदेशी फंडिंग और टेरर फंडिंग के भी प्रमाण मिले हैं। धर्मातरित मूक बधिर बच्चों का जेहादी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने की साजिश थी।

नोएडा। यूपी के नोएडा में धर्मांतरण का खुलासा होने के बाद प्रदेश सरकार ने सख्त रुख अपना लिया है। धर्मांतरण गिरोह के आतंकी संगठनों से जुड़े होने के प्रमाण मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने जांच एजेंसियों को इस केस की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने एजेंसियों को दिए स्पष्ट निर्देश दिया है कि देश की सुरक्षा और आस्था के खिलाफ साजिश करने वालों से सख्ती से निपटें। बता दें कि सीएम योगी खुद धर्मांतरण प्रकरण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। जांच एजेसियों को पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि इस केस का मास्टरमाइंड उमर गौतम देश के 24 राज्यों/ केंद्र शासित राज्यों में धर्मांतरण करा चुका। हिंदू ही नहीं ईसाई, जैन और सिख परिवारों के बच्चों का भी बड़ी संख्या में धर्मांतरण करा चुका है।

जांच एजेसियों को नापाक विदेशी फंडिंग और टेरर फंडिंग के भी प्रमाण मिले हैं। धर्मातरित मूक बधिर बच्चों का जेहादी गतिविधियों में इस्तेमाल किए जाने की साजिश थी। मास्टरमाइंड उमर गौतम के निशाने पर खासतौर पर मूक बधिर बच्चे थे। इन बच्चों को अलग तकनीक से पढ़ाने के लिए धर्मांतरण गिरोह ने अपने टीचर प्लांट कर रखे थे। ये टीचर ही धर्मांतरण की बुनियाद रचते थे। बताया जा रहा है कि दिल्ली के बाटला हाउस को उमर गौतम ने अपनी गतिविधियों का मुख्य केंद्र बनाया था। बीते सोमवार को नोएडा में धर्म परिवर्तन कराने के आरोपी में दो मौलानाओं को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। इन मौलानाओं के नाम मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी है। खास बात ये है कि उमर गौतम ने खुद लगभग 35 साल पहले 20 साल की उम्र में धर्मांतरण कर हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपनाया था। इसके बाद से वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहा था. यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने इस बात की पुष्टि की है कि गौतम धर्म बदलकर मुस्लिाम बना था।