तकरार भी रहेगी तकरीर भी तो होनी चाहिए: राष्ट्रपति मुर्मू के पहले संबोधन पर मोदी की विपक्ष से गुज़ारिश
- राष्ट्रपति मुर्मू का पहला संबोधन आज भारत के लिए गौरव का पल : प्रधानमंत्री
- पीएम मोदी ने विपक्षी सांसदों से राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन सुनने की अपील की
- पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए विपक्षी सांसदों से कहा- तकरार भी रहेगी तकरीर भी तो होनी चाहिए
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 31 जनवरी को बजट सत्र-2023 में शामिल होने के लिए संसद भवन में विपक्षी सांसदों से बड़ी अपील की है। पीएम मोदी ने सत्र से पहले मुस्कान के साथ विपक्षी सांसदों से कहा कि तकरार तो होनी ही चाहिए लेकिन तकरीर भी होनी चाहिए। पीएम ने हल्की मुस्कान के साथ सत्र से पहले विपक्षी सांसदों को इशारों में बहुत कुछ कह दिया।
LIVE: President Droupadi Murmu addresses both Houses of the Parliament https://t.co/nY2zeEnqAW
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 31, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि आज बजट सत्र का आरंभ हो रहा है। प्रारंभ में ही अर्थ जगत में जिनकी आवाज की मान्यता होती है। वैसी आवाज चारों तरफ से सकारात्मक संदेश लेकर आ रही है। उन्होंने सांसदों से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण को लेकर भी बड़ी अपील की। पीएम मोदी ने कहा कि जैसे नए सांसदों को हम ध्यान से सुनते हैं वैसे ही राष्ट्रपति पहली बार दोनों सदन को संबोधित करेंगी और हमें उनका भाषण ध्यान से सुनना चाहिए।
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पीएम मोदी ने कहा कि आज उमंग की आवाज लेकर आ रही हैं। आज एक अहम अवसर है कि भारत की वर्तमान राष्ट्रपति आज पहली संयुक्त सदन को संबोधित करेंगी। आज नारी सम्मान का भी अवसर है। दूर-सुदूर जंगलों में जीवन बसर करने वाले हमारे देश के महान आदिवासियों के सम्मान का समय है। न केवल सांसदों बल्कि आज पूरे देश के लिए गौरव का पल है कि भारत के राष्ट्रपति का आज पहला संबोधन हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रपति का पहला अभिभाषण है सभी सांसदों की तरफ से उमंग उत्साह और ऊर्जा से भरा ये पल हो। मुझे विश्वास है कि सभी सांसद इस कसौटी पर खरे उतरेंगे। हमारी देश की वित्त मंत्री भी महिला हैं। वो कल एक फरवरी को आम बजट लेकर संसद में आएंगी। आज की वैश्विक परिस्थिति में भारत के बजट की तरफ न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व का ध्यान है। डंवाडोल विश्व की आर्थिक परिस्थिति में भारत का बजट भारत के सामान्य लोगों की आशा को पूरा करने का प्रयास करेगा ही लेकिन विश्व जो आशा की किरण देख रहा है उसे वो और अधिक प्रकाशमान नजर आए। मुझे भरोसा है कि निर्मलाजी इन आशाओं को पूरा करने के लिए पूरा जोर लगाएंगी।
सबसे पहले देश सबसे पहले देशवासी उसी भावना को आगे बढ़ाते हुए इस बजट सत्र में भी तकरार भी रहेगी लेकिन तकरीर भी तो होनी चाहिए। मुझे विश्वास है कि विपक्ष के सभी साथी बड़ी तैयारी के साथ बहुत अध्ययन करके सदन में अपनी बात रखेंगे। सदन देश की नीति निर्धारण में बहुत ही अच्छी तरह से चर्चा करके अमृत निकालेगा और देश का काम निकलेगा।