November 22, 2024

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

नैनीताल | खस्ताहाल सड़क से जूझते आमजन

तीन किमी लंबी इस सड़क पर स्कूल और आधा दर्जन से अधिक गांव पड़ते हैं।

 

लालकुआं, नैनीताल | लालकुआं विधानसभा गौलापार क्षेत्र के बागजाला मार्ग के नासूर बने गड्ढे पिछले चार साल में भी नहीं भरे हैं। जर्जर हो चुके इस मार्ग की स्थिति यह है कि यहां वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना तक दुश्वार है। बारिश के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाती है जबकि तीन किमी लंबी इस सड़क पर स्कूल और आधा दर्जन से अधिक गांव पड़ते हैं।

यही नहीं यह मार्ग राष्ट्रीय स्टेडियम से भी जुड़ता है बागजाला मार्ग की गिनती गोलापर क्षेत्र के महत्वपूर्ण सड़कों में होती है पर मौजूदा समय में यह मार्ग क्षेत्र की जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। मार्ग पर हुए गहरे गड्ढों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। दो पहिया वाहन फिसलने से आए दिन लोग चुटैल होते हैं। जबकि इस मार्ग पर प्राथमिक विद्यालय स्कूल स्थित हैं। वहीँ स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थियों को रोजाना इस गड्ढे-भरे मार्ग से आना-जाना होता है। इससे सबसे ज्यादा दिक्कत लड़कियों और छोटे बच्चों को होती है। वहीं यहां मार्ग देवला तला, कुंवरपुर, चोरगलिया, खेड़ा आदि गांवों से होती हुई स्टेडियम मार्ग से जुड़ती है।

आपको बताते चलें कि सड़क का निर्माण 10 वर्ष पूर्व किया गया था। स्थानीय लोगों बताते हैं कि बनते समय मानक में की गई अनदेखी के कारण पांच वर्ष में ही सड़क पूरी तरह से उखड़ गई। मार्ग को बनवाने के लिए विगत सालों से ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांग की लेकिन किसी ने मार्ग की मरम्मत कराए जाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

इधर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इंद्रपाल आर्य का कहना है कि यहा क्षेत्र अनुसूचित जन जाति वाला क्षेत्र है जिसके चलते क्षेत्र की हमेशा अनदेखी की जाती है। उन्होंने कहा कि चाहे लोकसभा का चुनाव या विधानसभा लेकिन नेताओं का मुद्दा यही सड़क होती है, लेकिन चुनाव हो जाने के बाद इस मार्ग के बारे में कोई राजनेता सोचता तक नहीं है। इससे यह सड़क सालों से बदहाल पड़ी है। स्टेट हाईवे से आधा किमी तक इस मार्ग पर जलभराव रहता है इस जलभराव में छोटे वाहन फंसने से लागों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में भाजपा सरकार द्वारा गड्ढा मुक्त सड़कों के लिए चल रहे अभियान के तहत इस सड़क को बनाने की जिम्मेदारी स्थानीय जन-प्रतिनिधियों की है लेकिन वो भी आंखें मूंदे बैठे पड़े है।