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पौड़ी का दो दिवसीय ‘काण्डा मेला’ हुआ समाप्त

पौड़ी जिले मे लगने वाला प्रसिध्द दो दिवसीय 'काण्डा मेला' हुआ समाप्त

पौड़ी| पौड़ी जिले के क्षेत्र मे लगने वाला प्रसिध्द दो दिवसीय काण्डा मेला समाप्त हो गया है। दूर दराज से आए श्रध्दालुओ ने भगवान शिव को मंजुघोष अर्पित किये। दिवाली के दो दिन बाद लगने वाला यह मेला पहले पशु बली के नाम से जाना जाता था, लेकिन वर्तमान समय मे पशुबली को समाप्त कर मजुघोष भगवान शिव का अर्पित किये जाते है।

झुमते नाजते लोग अपने इष्ट देवता की पूजा अर्चना के लिए जाते दिखाई दिए । पैदल सैंकड़ो लोग मजुघोष, यानी भगवान शिव को चढ़ाये जाने वाले ऐसे निशान है जिनमे ध्वज लगाये जाते है जो उस गांव का उस परिवार का प्रतीक होते है जो मन्दिर मे पूजा अर्चना करने आते है। यह वह प्रतीक भी है जिन लोगो की मनोकामना भी पूरी होती है। एक पुरानी दन्त कथा के अनुसार इस क्षेत्र मे मंजू नाम की कन्या थी जो की तमस्वनी थी। उस कन्या ने इस क्षेत्र मे तपस्या की तथा भगवान् शिव से वर माँगा कि वह यहाँ विराजमान हो। तभी से इस मन्दिर को  मजूघोष काण्डा के नाम से से जाना जाता है।

माना ये भी जाता है कि जब आदि गुरू शंकराचार्य केदारनाथ भगवान के पूर्नउथान के लिए आए, तो उन्होने इस क्षेत्र को शिव क्षेत्र कहा और ग्रामीणो को यहाँ भव्य आयोजन करने के आदेश दिये, और आज तक लोग इस मान्यता को मानते आ रहे है। पहले कालान्तर मे यहा बली प्रथा थी लेकिन बाद मे इस प्रथा को रोक लगा दी गई। कहा जाता है कि इस मेले 12 पट्यिो के लोग यहा अपनी मनो कामना पूर्ति के लिए आते है।

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