पौड़ी | 15 साल बाद जैसे-तैसे मिली सड़क, एक माह में पड़ी पैचिंग की ज़रुरत
पौड़ी | राज्य सरकार भले ही गांव-गांव तक सड़कों का जाल बिछा रही हो, लेकिन भ्रष्ट विभाग और विभागीय अधिकारियों के मंसूबे जब भ्रष्टाचार को अंजाम देकर मोटी कमाई डकारने के हों तो ये सड़कें कहां सही से टिक पायेंगी।
लोक निर्माण विभाग कोई काम हाथ में ले और उसमें भ्रष्टाचार न हो ये कहना अब गलत नहीं होगा। ये हम नहीं बल्कि पौड़ी मुख्यालय से बैंजवाडी और केंद्रीय विद्यालय को जाने वाली सड़कों की हालत खुद बंया कर रही है। इस सड़क का निर्माण पूरा हुए अभी सिर्फ एक माह ही बीता है और आलम ये कि ये सड़क जगह-जगह से उखड़नी भी शुरू हो गयी है। अब इन खामियों को छिपाने की कोशिश में लोक निर्माण विभाग इस पर पैचिंग कर रहा है। लेकिन ये पैचिंग भी चन्द दिनों के भीतर दम तोड़ने लगी है। साफ नजर आ रहा है कि सड़क की गुणवत्ता का ख्याल अगर लोक निर्माण विभाग ने रखा होता तो एक माह के भीतर न सड़क उखड़ती न ही पैचिंग की नौबत आती।
बजट ठिकाने लगाने वाले विभाग ने कार्य गुणवत्ता और छात्र सुरक्षा का ख्याल किस क़दर रखा इसकी गवाही खुद ग्रामीण दे रहे हैं। देखें विडियो।
हैरत की बात ये है कि ग्रामीणों को ये सड़क 15 साल तक खस्ताहाल सड़क का दुःख झेलने के बाद मिली थी जब ग्रामीणों की आवाज़ सीधे प्रधानमंत्री के कार्यालय तक पहुंची थी। ऐसा इसलिये क्योंकिं इस क्षेत्र में हाल ही में केन्द्रीय विद्यालय बना है जहाँ जल्द ही बच्चों की कक्षायें संचालित होंगी। इन्ही बच्चों की सुरक्षा का ख्याल ग्रामीणों को आने पर सड़क की खस्ताहालत से पीएमओ को पत्र भेजकर अवगत कराया गया। इस समस्या का संज्ञान लेते हुए पीएमओ ने लोेक निर्माण विभाग को आवश्यक निर्देश दिए।
और इसके बाद सड़क पर शुरू हुआ पेंटिंग का घटिया डामरीकरण का काम। इस काम के शुरू होते ही सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे और तभी ग्रामीणों ने आशंका जता दी थी कि सड़क 6 माह से ज्यादा टिकने वाली नहीं है। लेकिन 6 माह तो दूर सड़क एक माह में ही निर्माण पूरा होते ही उखड़ने लगी जिस पर विभाग की पोल खुली तो उखडी सड़क पर पैंचिंग वर्क शुरू हो गया जिससे अपनी लापरवाही विभाग छिपा सके।