September 4, 2025

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प्रसार भारती की उपेक्षा का शिकार पौड़ी आकाशवाणी

पौड़ी आकाशवाणी की शुरुआत 25 नवम्बर 1996 को हुई थी जिस में एक किलोवाट क्षमता के ट्रांसमीटर के माध्यम से जनपद पौड़ी, टिहरी और रुद्रप्रयाग के लगभग 2 लाख श्रोताओं तक कार्यक्रम पहुंचाने का उद्देश्य रखा गया था।

 

पौड़ी: पौड़ी आकाशवाणी के प्रसारण के विस्तार की मांग उठने लगी है। पौड़ी आकाशवाणी 1602 किलोहर्टज एफएम 100.1 और प्रसार भारती के ऐप ‘न्यूज़ ऑन एयर’ पर सुना जाता है।

लंबे समय से आकाशवाणी पौड़ी द्वारा प्रसारित कार्यक्रम के प्रसारण की समयावधि और इसकी क्षमता को बढ़ाने की मांग स्थानीय जनता द्वारा की जाती रही है मगर प्रसार भारती की उपेक्षा के कारण गढ़वाल क्षेत्र के श्रोता आकाशवाणी पौड़ी के कार्यक्रमों से वंचित रह जाते है।

पौड़ी आकाशवाणी की शुरुआत 25 नवम्बर 1996 को हुई थी जिस में एक किलोवाट क्षमता के ट्रांसमीटर के माध्यम से जनपद पौड़ी, टिहरी और रुद्रप्रयाग के लगभग 2 लाख श्रोताओं तक कार्यक्रम पहुंचाने का उद्देश्य रखा गया था। मगर 23 साल बीत जाने के बाद तकनीकी रूप से यहाँ की स्थिति बद से बदतर होती गई। आलम ये है कि डिजिटल के इस युग में पुराने ट्रांसमीटर के सहारे ज्यादा दूर तक अच्छी गुणवत्ता के साथ प्रसारण पहुंचाना अपने आपमें एक चुनौती है।

मौजूदा हालात देखते हुए स्थानीय लोगों द्वारा इसकी क्षमता को बढ़ाने के लिए दिल्ली के प्रसार भारती के मुख्य कार्यालय को ज्ञापन दिया गया है। उन्होंने मांग की है कि आकाशवाणी की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए और इसे आधुनिक उपकरणों से लेस किया जाना चाहिए जिससे दूर दराज के क्षेत्रों में भी लोग मनोरंजन के साथ-साथ जानकारी से भी रूबरू हो सकें।

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