चारधाम मार्ग पर नहीं होंगे खतरनाक मोड़
नई दिल्ली | केंद्र सरकार का दावा है कि लॉकडाउन में काम बाधित होने के बावजूद यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और ब्रदीनाथ धाम को जोड़ने वाली अति महत्वाकांक्षी चारधाम परियोजना में खतरनाक मोड़-ढलानों से बचाने के सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं।
इसके अलावा रपटीले रास्तों और भूस्खलन खतरों से निपटने के लिए विशेष प्रबंधन होगा। इससे देशभर से चारधाम की यात्रा पर आने वाले करोड़ो भक्तों की तीर्थ यात्रा सुगम और सुरक्षित बनेगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उक्त कार्य के लिए चालू वित्तीय वर्ष के लिए 590 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। इस धनराशि से परियोजना में सड़क सुरक्षा के उपाय लागू किए जाएंगे।
अधिकारी ने बताया कि रुद्रप्रयाग बाईपास को मक डंपिंग (क्षरण मिट्टी) क्षेत्र घोषित किया गया है। इसकी रोकथाम के लिए 60 मीटर ऊंची पत्थरों के जाल की दीवार खड़ी की जाएगी। जिससे बारिश में सड़क को धंसने और हादसों को रोका जा सके। 76 किलोमीटर रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के बीच जगह जगह भूस्खलन रोकने के विशेष उपाय किए जा रहे हैं।
रामपुर के आगे भी 60 मीटर ऊंची पत्थर की दीवार खड़ी करने का प्रस्ताव है। रपटीले रास्तों, तीव्र मोड़-ढलाना को ठीक करने का काम किया जा रहा है। इसके तहत एक से पांच किलोमीटर तक री एलाइनमेंट किया जाएगा। वाहनों को खाई मे गिरने से बचाने के लिए क्रैश बैरियर लगाने की योजना है।
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