Corona Update: अब नाक में दी जाएगी कोरोना बूस्टर डोज, तीसरा ट्रायल सफल

नई दिल्ली । भारत बायोटेक ने नाक से दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का बूस्टर डोज ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। बहुत जल्द सरकार की तरफ से इसे मंजूरी मिल मिलने की संभावना है। सरकार की मंजूरी के बाद कोरोना वैक्सीन को जल्दी ही इंजेक्शन के माध्यम से नस में नहीं, सीधे नाक से दी जाएगी। यानी अब अगर किसी को कोरोना का बूस्टर डोज लगाना है, तो उसे इंजेक्शन नहीं लेना होगा, बल्कि नेजल ड्रॉप के माध्यम से उसे बूस्टर डोज दे दी जाएगी।
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भारत बायोटेक ने कहा है कि कोरोना की दो शुरुआती खुराक और बूस्टर खुराक के लिए बीबीवी 154 के दो अलग-अलग क्लिनिकल परीक्षण किए गए जो पूरी तरह सुरक्षित पाए गए हैं। जिन लोगों को कोरोना की दो शुरुआती खुराक लगाई गई है। उन्हें बूस्टर खुराक की जरूरत पड़ती है। भारत बायोटेक ने कहा कि ट्रायल बेहतर तरीके से सहन करने योग्य है और यह प्रतिरक्षाजनक है। बीबीवी154 कोविड-19 के लिए इंट्रानसल वैक्सीन है। यानी इसे नाक के जरिए शरीर में पहुंचाया जाता है। इसे स्पाइक प्रोटीन तकनीक पर तैयार किया गया है। कंपनी के मुताबिक वैक्सीन के पहले चरण और दूसरे चरण का ट्रायल सफल रहा है।
भारत बायोटेक ने कहा कि पहले और दूसरे ट्रायल में यह नेजल वैक्सीन सेफ, वेल टॉलरेटेड और इम्युनोजेनिक साबित हुई है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि पहली खुराक के लिए तीसरे चरण का ट्रायल पूरी तरह सुरक्षित था और कोवैक्सिन की तुलना में यह 3100 विषयों में प्रतिरक्षाजनित था। इस ट्रायल को देश के 14 अलग-अलग स्थानों पर किया गया। इस वैक्सिन को इस तरह से डिजाइन व विकसित किया गया है जिससे निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों के लिए यह मूल्य के लिहाज से किफायती हो।
बयान के मुताबिक बीबीवी154 को सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय की साझेदारी में तैयार किया गया है। भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा के इल्ला ने कहा आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमें बीबीवी154 इंट्रानैसल टीके का सफल क्लीनिकल परीक्षण पूरा होने की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है। हम नवोन्मेष और उत्पाद के विकास को लेकर प्रतिबद्ध और केंद्रित थे और भारत बायोटेक की बहु विषयक टीम की यह एक और उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि अगर इसे मंजूरी दी जाती है, तो इंटरनैसल टीके से बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान को अंजाम देने में आसानी होगी।