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नैनीताल हाईकोर्ट ने दिया सरकार को करार झटका

नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री फैसिलिटी एक्ट 2019 को असंवैधानिक घोषित किया है कोर्ट के फैसले के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को मार्केट रेट से किराया देना होगा

नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड पूर्व मुख्यमंत्री फैसिलिटी एक्ट 2019 को असंवैधानिक घोषित किया है। कोर्ट के फैसले के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को मार्केट रेट से किराया देना होगा।

बता दें कि आज हाईकोर्ट ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधा देने वाले अधिनियम 2019 को असंवैधानिक घोषित किया है।

याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता डॉ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि न्यायालय ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन मानते हुए यह निर्णय दिया है। कोर्ट ने कहा कि अधिनियम के प्रावधान स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हैं।

न्यायालय ने अधिनियम को भारत के संविधान के अनुच्छेद 202 से 207 के उल्लंघन में भी पाया है। अब सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बाजार मूल्य से किराए का भुगतान करना होगा। कोर्ट ने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों के रूप में उन्हें दी गई अन्य सभी सुविधाओं के लिए खर्च किए गए धन की गणना करने और उसकी वसूली के लिए राज्य उत्तरदायी होगा।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले में सुनवाई के बाद 23 मार्च 2020 को निर्णय सुरक्षित रख लिया था। मामले के अनुसार देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को चुनौती दी थी, जिसके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों के किराए को बाजार रेट के आधार पर भुगतान करने में राज्य सरकार ने छूट दे दी थी। संस्था का कहना था कि यह संविधान के खिलाफ है।