September 3, 2025

Newz Studio

सरल और संक्षिप्त

मसूरी | नाग मंदिर में नाग पंचमी की घूम

आपको बता दें नाग मंदिर पर स्थापित 500 साल पुरानी मूर्ति पर दुधाभिषेक करने से होती है मुरादे पूरी

मसूरी | नाग मंदिर द्वारा अपना स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया नाग पंचमी के पर्व के अवसर पर मसूरी और आसपास के क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मसूरी के नाग मंदिर पहुंचे और नाग मंदिर पर स्थापित 500 साल पुरानी मूर्ति का दुधाभिषेक कर नाग देवता के दर्शन किये ।

बताया जाता हे कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है जिसकी मान्यता है कि मसूरी के भट्टे गांव में एक गाय थी जो अक्सर सुबह इस जगह पर (जहां इस वक्त नाग मंदिर स्थापित है)  आती थी और एक पत्थर को अपने थन से दूध चढाती थी | जब गांव वालों ने गाय के दूध के बारे में जांच पड़ताल कि तो पता चला कि यह गाय एक पत्थर को अपना दूध चढाती है गांव वालों ने पत्थर को हटाया तो वहां पर नाग देवता की पिंडलियां थी और साक्षात नाग देवता विराजमान थे तब से इस जगह को सिद्ध पीठ के रूप में माना जाने लगा |

आपको बता दें वर्तमान में मंदिर ने विशाल रूप ले लिया है | नागपंचमी के दिन मसूरी और आसपास के शहरों, गांवों से भारी संख्या में लोग नाग देवता के दर्शन करने के लिये आते है और मनौती मांगते है। आज मसूरी के नाग मंदिर में हजारों की संख्या में भक्तों का तांता लगा रहा और भक्तों ने उस पत्थर में नाग देवता के दर्शन कर उस पर दुधाभिषेक कर पूजा अर्चना करते हे। वही इस मौके पर भक्त जन नाग देवता की पूजा अर्चना के साथ उनके भक्ति में मगन दिखे।

ग्रामीण राकेश रावत ने बताया कि उनके कुल देवता नाग हैं. ऐसे में प्राचीन काल का यह मंदिर उनके लिए अनोखा है, साथ ही बताया कि जो कोई भक्त इस मंदिर से सच्चे मन से मन्नत मांगता है उसकी मुराद अवश्य ही पूरी होती है वही इस क्षेत्र के दर्जनों गांव के देवता कुल देवता है वही इनको न्याय का देवता भी माना जाता है जब भी गाव में कोई परेशानी या किसी प्रकार का विवाद हो जाता है तो नाग देवता की शरण में आते है जहा पर नाग देवता स्वयं न्याय करते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *