November 22, 2024

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उत्तराखंड से मानसून विदा, सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक रही वर्षा; अब मौसम शुष्क रहने के आसार

उत्तराखंड से मानसून बुधवार को विदा हो गया है। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है, लेकिन मानसून रेखा अब औपचारिक रूप से उत्तराखंड से लौट गई। इस बार मानसून सीजन में सामान्य वर्षा हुई, हालांकि कुछ जिलों में मेघ अत्यधिक बरसे। पिछले तीन वर्षाें से उत्तराखंड में मानसून की विदाई अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में ही हो रही है। अब अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क बने रहने के आसार हैं।

अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही मानसून विदा
सितंबर में सामान्य से डेढ़ गुना बारिश के बाद अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही मानसून विदा हो गया है। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में मौसम शुष्क बना हुआ था, लेकिन कहीं-कहीं आंशिक बादल भी मंडरा रहे थे। इस बार 27 जून को उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक दी थी। जिसके बाद बारिश का सिलसिला तेज हो गया। हालांकि, जून में पूरे महीने सामान्य से 49 प्रतिशत कम वर्षा दर्ज की गई, लेकिन मानसून के पहुंचने के बाद जुलाई में मेघ सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक बरसे। इसके बाद अगस्त में सामान्य से महज 09 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। वहीं, सितंबर में प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में जोरदार बारिश का सिलसिला बना रहा। पूरे माह में सामान्य से 55 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। पूरे सीजन में ही प्रदेश के बागेश्वर जिले में सर्वाधिक और पौड़ी में सबसे कम वर्षा रिकार्ड की गई। इसके साथ ही मानसून सीजन में अब तक सामान्य वर्षा 1163 मिमी के सापेक्ष 1273 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जो कि सामान्य से करीब 10 प्रतिशत अधिक है।

बीते वर्ष मानसून ने उत्तराखंड से छह अक्टूबर को विदा ली थी। वहीं, वर्ष 2022 में मानसून अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में विदा हुआ था। वर्ष 2021 व 2020 में मानसून ने अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही विदाई हुई थी। अब मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार अगले कुछ दिन प्रदेश में मौसम शुष्क रहने के आसार हैं। ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिली रह सकती है, लेकिन सुबह-शाम पारे में गिरावट आने के आसार हैं।

मानसून सीजन में माहवार वर्षा की स्थिति
जून में सामान्य से 49 प्रतिशत कम वर्षा
जुलाई में सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक वर्षा
अगस्त में सामान्य से 09 प्रतिशत अधिक वर्षा
सितंबर में सामान्य से 55 प्रतिशत अधिक वर्षा
पूरे मानसून सीजन में सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक वर्षा