November 22, 2024

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उत्‍तराखंड में बढ़ेगी मनरेगा की मजदूरी, राज्‍य सरकार ने केंद्र में दी दस्तक

ग्रामीण क्षेत्रों में वर्ष में सौ दिन का रोजगार उपलब्ध कराने वाले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत मजदूरी की दरें बढ़ाने के लिए उत्तराखंड ने केंद्र सरकार में दस्तक दी है। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी के अनुसार केंद्र को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। इसमें राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए यहां राष्ट्रीय औसत के समान मजदूरी बढ़ाने का आग्रह किया गया है। मनरेगा में मजदूरी का राष्ट्रीय औसत 289 रुपये प्रतिदिन है। राज्य में वर्तमान में मनरेगा में मजदूरी की दर 237 रुपये प्रतिदिन है।

पलायन रोकने में मनरेगा ने बड़ा संबल दिया
अन्य राज्यों की भांति उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन रोकने के दृष्टिगत मनरेगा ने बड़ा संबल दिया है। कोरोनाकाल में तो बड़ी संख्या में गांव लौटे प्रवासियों ने भी मनरेगा में रुचि दिखाई थी। राज्य की तस्वीर देखें तो यहां 10.37 लाख परिवारों को मनरेगा के तहत जाबकार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें 7.94 लाख सक्रिय जाबकार्ड धारी परिवार हैं। गत वर्ष मनरेगा में 139.48 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे। इस सबके बीच बढ़ती महंगाई को देखते हुए मनरेगा में मजदूरी बढ़ाने की मांग निरंतर उठ रही थी। उम्मीद थी कि इस वर्ष इसमें बढ़ोतरी होगी। यद्यपि, अप्रैल में वृद्धि हुई, लेकिन नाममात्र की। प्रतिदिन मजदूरी की दर में सात रुपये बढ़ाए गए और यह 237 रुपये तक ही पहुंची। हिमालयी राज्यों की श्रेणी में ही देखें तो उत्तराखंड में मनरेगा की दर काफी कम है। ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी के अनुसार मनरेगा में मजदूरी की दर में कमी या वृद्धि का अधिकार केंद्र सरकार में निहित है। इसे देखते हुए मनरेगा में मजदूरी बढ़ाने के निमित्त केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है।

हिमालयी राज्यों में मनरेगा में मजदूरी
राज्य, दरें (रुपये प्रतिदिन)
मणिपुर, 272
मिजोरम, 266
सिक्किम, 249 व 374
लद्दाख, 259
मेघालय, 254
असोम, 249
हिमाचल, 236 व 259
त्रिपुरा, 242
उत्तराखंड 237
अरुणाचल प्रदेश, 234
नगालैंड, 234