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नहीं गूंजेगा इस बार ‘बोल बम’ – कांवड़ यात्रा का विचार भी न करें

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यदि कोई कांवड़िया ट्रेन या अन्य किसी माध्यम से हरिद्वार आएगा तो उसे 14 के लिए क्वारंटीन किया जायेगाजिसका खर्चा उस ही व्यक्ति से वसूला जायेगा।

 

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में इस बार ‘बोल बम’ के जयकारे के साथ ही कांवड़ की धूम देखने को नहीं मिलेगी। कोरोना को देखते हुए इस बार उत्तराखंड सरकार द्वारा पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय कर कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का फैसला लिया है। सरकार के फैसले का सही से अनुपालन कराने के लिए हरिद्वार में महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमे हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर, हरिद्वार एसएसपी समेत यूपी और हरियाणा के जिलाधिकारी और एसएसपी मौजूद रहे।

बैठक में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, यमुनानगर समेत पाँच जिलों के डीएम, एसएसपी मौजूद रहे। इस दौरान सभी अधिकारियो ने काँवड़ में हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों को रोकने के लिए बनाये गए प्लान पर अपने-अपने सुझाव दिए और यात्रा शुरू होने के बाद आपस में समन्वय बनाये रखने पर जोर दिया।


इस दौरान निर्णय लिए गया कि किसी भी रूप में अन्य प्रदेशो से कांवड़ियों को हरिद्वार में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा। यदि कोई कांवड़िया ट्रेन या अन्य किसी माध्यम से हरिद्वार आएगा तो उसे 14 के लिए क्वारंटीन किया जायेगा। इतना ही नहीं क्वारंटीन के दौरान उस पर होने वाले खर्च को भी उसे से वसूला जायेगा।


हरिद्वार में कांवड़ियों पर प्रतिबन्ध के साथ ही काँवड़ से सम्बंधित प्लास्टिक केन, कपड़े आदि कोई भी सामान बेचने पर भी पाबन्दी रहेगी। यदि कोई भी दुकानदार इस तरह के सामान बेचते पाया जायेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लाने की बात भी जिलाधिकारी ने कही है।


वहीं जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि हरिद्वार के आसपास के गाँवों-कस्बो से आने वाले लोगो को भी जल लेने पर प्रतिबन्ध रहेगा इसके लिए ग्राम पंचायत स्तर पर अपील की जाएगी और नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही की जाएगी।

वहीं निकटवर्ती राज्यों से आये अधिकारियों ने भी सरकार के आदेश का पूर्णतया पालन और हरिद्वार जिला प्रशासन के साथ समन्वय और सहयोग की बात कही है। मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक यादव ने कहा कि उनका प्रयास है कि कोरोना से जनता की जान की रक्षा करना उनका दायित्व है। लोगो को हरिद्वार आने से रोकने के लिए लोगों को समझाने के साथ ही अपील भी करेंगे और उत्तर प्रदेश के सभी जिले इस काम में लगे हुए हैं।

विश्व भर में फैली कोरोना महामारी ने उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा को भी अपनी चपेट में ले लिया है। शासन और प्रशासन ने भी लोगों की जान बचाने के लिए ही इस बार होने वाली काँवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया है।