यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भतीजी की शादी में पहुंचे कई दिग्गज, तस्वीरें आई सामने

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पैतृक गांव पंचूर में भतीजी अर्चना की शादी में शिरकत की। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, सांसद अनिल बलूनी, त्रिवेंद सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत भी आशीर्वाद देने पहुंचे। दिन में बारात पहुंची। योगी आज शुक्रवार को भी गांव में ही रहेंगे। शनिवार को वह लखनऊ रवाना होंगे।
मेजबान योगी ने भतीजी की शादी में मेहमानों का किया स्वागत
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पैतृक गांव पंचूर में भतीजी अर्चना के वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम योगी मेजाबन की भूमिका में रहे। बारातियों से लेकर अन्य मेहमानों का उन्होंने स्वागत किया। कई प्रमुख लोगों ने शादी समारोह में शिरकत कर वर-वधु को आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तीन दिन के दौरे पर पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लाक पहुंचे हैं। गुरुवार को उन्होंने महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में किसान मेले में शिरकत की थी। इसके साथ ही वह कई और कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। गुरुवार शाम को ही वह अपने पैतृक गांव पंचूर चले गए थे। रात को वह गांव के अपने घर में रहे। शुक्रवार को उनकी भतीजी अर्चना की शादी थी।
पूर्वाह्न करीब ग्यारह बजे बारात आई। शाम पांच बजे बारात के विदा होने तक सीएम योगी पूरी तरह मेजबान की भूमिका में रहे। बारातियों से लेकर घराती मेहमानों का उन्होंने स्वागत किया। उत्तराखंड के राज्यापाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. धन सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, ऋषिकेश की पूर्व महापौर अनीता ममगाईं सहित कई मेहमान वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे। ग्रामीण भी शादी समारोह में पहुंचे थे। सीएम योगी शनिवार को अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। उसके बाद वह वापस लखनऊ लोट जाएंगे।
बचपन के स्कूल जा सकते हैं सीएम योगी
यमकेश्वर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों का भी दौरा कर सकते हैं। शुक्रवार को वह पारिवारिक वैवाहिक समारोह में व्यस्त रहे। शनिवार को वह क्षेत्र के प्राइमरी स्कूलों का निरीक्षण कर सकते हैं। सीएम योगी अपने गांव के पास के उस स्कूल में भी जा सकते हैं, जहां उन्होंने शुरुआती पढ़ाई की थी। स्थानीय प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्थाएं की गई है। हालांकि कोई भी खुलकर इस बात को नहीं बता रहा है।