गार्ड ऑफ ऑनर विवाद | मदन कौशिक ने दी सफाई
पिथौरागढ़ | भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद जब पहली बार मदन कौशिक बागेश्वर पहुंचे तो उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मामले में फिर विवाद खड़ा हो गया है। किरकिरी के बाद आईजी ने जांच करने की बात कही तो आम आदमी के साथ कांग्रेस भी इसी बहाने पर सत्तापक्ष पर हमलावर हो गई।
इस पूरे विवाद पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने अपनी सफाई में कहा कि गार्ड ऑफ ऑनर नहीं लेना चाहिए था। गलती से ले लिया। लंबे समय तक मंत्री रहा इसलिए नहीं रहा ख्याल। भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी ने इस मसले पर कहा कि मदन कौशिक पिछले कई वर्षों से मंत्री रहे हैं। पुलिस ने भूल के कारण गार्ड ऑफ ऑनर दे दिया। यह राजनीति का विषय नहीं है।
उन्होंने कहा कि गलती किसी से भी हो सकती है। उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा भाजपा सत्ता का पूरी तरह से दुरुपयोग कर रही है। राज्य के अधिकारी भाजपा के दबाव में हैं जो इस तरह नियम कानूनों को ताक में रख रहे हैं। उन्होंने मांग की कि सभी पार्टी के अध्यक्षों को भी गार्ड ऑफ ऑनर मिलना चाहिए।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी दिनेश मोहनिया ने कहा मुख्यमंत्री के बयानों का असर पुलिस पर भी हो रहा है। मोहनिया बीते दिनों तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने सीएम तीरथ रावत के बयानों की ओर इशारा किया। सीएम रावत के बयानों ने बाद में उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा बटोरी थी।
कांग्रेस के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता एमडी जोशी ने कहा कि जब प्रदेश के मुखिया ही बेतुकी बयानबाजी कर रहे हों तो उनके मातहतों पर भी इसका असर होगा ही। यही वजह है कि बागेश्वर पुलिस यह भी भूल गई कि किसे गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाना है किसे नहीं। जोशी ने इसके लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को भी जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा पुलिस ने तो भूल की, लेकिन वह तो उत्तराखंड सरकार के कई विभागों के मंत्री रह चुके हैं, उन्हें तो यह जानकारी होनी चाहिए थी कि वे गार्ड आफ आनर लेने के अधिकारी नहीं हैं।
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