November 20, 2024

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आखिर सकुशल लौटे लापता ट्रैकर्स एसडीआरएफ टीम के साथ

केदारनाथ यात्रा पर आए चार यात्री लापता होने पर गहन सर्चिंग अभियान के बाद एसडीआरएफ टीम ने उन्हें ढूंढ लिया और आज लापता यात्रियों को सकुशल सोनप्रयाग लाया गया।

 

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा पर आए चार यात्री लापता होने पर गहन सर्चिंग अभियान के बाद एसडीआरएफ टीम ने उन्हें ढूंढ लिया और आज लापता यात्रियों को सकुशल सोनप्रयाग लाया गया।

12 जुलाई 2020 को केदारनाथ यात्रा हेतु पहुँचे ये चारों यात्री केदारनाथ धाम से वासुकीताल-त्रियुगीनारायण पैदल ट्रैक पर गए थे और फिर लापता हो गए थे। 14 जुलाई को पुलिस चौकी श्री केदारनाथ द्वारा केदारनाथ क्षेत्र से वासुकी ताल को गए 04 ट्रैकर्स की लोकेशन के सम्बन्ध में कोई जानकारी प्राप्त न होने की सूचना एसडीआरएफ को दी गयी जिसके तुरंत बाद ही एसडीआरएफ की सर्चिंग टीम वासुकीताल क्षेत्र के लिए रवाना हुई।

यात्रियों को ढूंढने के लिए हेलिकॉप्टर व अन्य ज़रियों से सर्च अभियान चलाया गया हालांकि बारिश और घने कोहरे के बीच ऑपरेशन में रेस्क्यू दलों को खासी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।

इसके बाद पुनः 15 जुलाई को सेनानायक एसडीआरएफ तृप्ति भट्ट द्वारा एसडीआरएफ की टीमों को अलग-अलग ट्रेकिंग रूटों पर पर वृहद् स्तर पर सघन सर्चिंग हेतु भेजा गया।

लापता चारों ट्रेकरों में देहरादून निवासी हिमांशु गुरुंग और जितेंद्र भण्डारी एवमं नैनीताल निवासी मोहित भट्ट और जगदीश बिष्ट जो श्री केदारनाथ के दर्शन उपरांत वासुकीताल-त्रियुगीनारायण ट्रेक रुट में चले गए थे, शामिल थे।

लापता सदस्यों से मोबाइल सम्पर्क होने पर आग जलाने को कहा गया ताकि धुंए से संकेत प्राप्त हो परन्तु कुहरे के कारण अथवा आवाज की अस्पष्टता से सन्देश पूर्ण न सुन पाने सफलता नही मिल पायी। एसडीआरएफ टीमों के द्वारा रात्रि कैम्पिंग ट्रेक रूटों पर ही किया गया ।

16 जुलाई की दोपहर को सर्चिंग के दौरान एक टीम को लापता ट्रेकर्स की लोकेशन की जानकारी तोशी गांव के करीब प्राप्त हुई जिन्हें तोशी के जंगलों में ढूंढ लिया गया। टीम द्वारा रात्रि ट्रेकर्स को गाँव मे ही विश्राम कराया गया एवम आज प्रातः टीम ट्रेकर्स सहित सोनप्रयाग पहुंची। सभी ट्रेकर्स बेहद थके हुए थे जिनके द्वारा रातें खुले आसमान ओर चट्टानों की आड़ में ठंड में गुजारी थी।

सम्पूर्ण अभियान में एसडीआरएफ के साथ जिला पुलिस जिला एवमं डीडीआरएफ की टीमों का भी सहयोग रहा।

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