महाकुंभ ’21 | मेला क्षेत्र में बालश्रम पर सख्त प्रशासन
हरिद्वार, 25 मार्च। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की ओर से बाल हितैषी हरिद्वार महाकुंभ 2021 की संकल्पना की सफलता के लिए गुरूवार को मेला नियंत्रण सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का दीप प्रज्वलित कर मेलाधिकारी दीपक रावत ने शुभारंभ किया।
चाइल्ड लाइन के माध्यम से मदद
कार्यशाला में बच्चों के शोषण को रोकने के लिए विभिन्न उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के साथ ही पुलिस या चाइल्ड लाइन के माध्यम से उनकी मदद करने की जरूरत पर बल दिया गया। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि मेला क्षेत्र में कहीं पर बालश्रम न हो। इसका हमें ध्यान रखना चाहिए। विशेषकर ढाबों, होटलों आदि में भी बालश्रम रोकने के लिए वालंटियर और बाल अधिकारों के संरक्षण से जुड़े संस्थाओं को भी इस दिशा में कार्य करना होगा। पुलिस का भी इसमें सहयोग मिल रहा है और आगे भी मिलेगा।
बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति या उनके शोषण की जानकारी तुरंत दें
बाल अधिकारों और उनका शोषण रोकने के संबंधा में प्रावधानों की जानकारी नरेश पारस चाइल्ड राइट एक्सपर्ट, समन्वयक, महफूज सुरक्षित बचपन, आगरा, उत्तर प्रदेश ने दी। उन्होंने कहा कि ऐसे किसी बच्चों के बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति या उनके शोषण की जानकारी मिलने पर पुलिस नियंत्रण कक्ष के नंबर 112, चाइल्ड लाइन हेल्पलाइन 1098 और मेला नियंत्रण भवन सीसीआर के हेल्पलाइन नंबर 01334-224457 पर सभी से संपर्क करें। उन्होंने बताया कि जो बच्चे कानून का उल्लंघन करते पाए जाते हैं उन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।
बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना अपराध की श्रेणी में
बाल कल्याण समिति बाल न्याय पीठ के समान कार्य करता है। यदि किसी वालंटियर को मिलता है तो वह निर्धारित प्रक्रिया पूरी करनी होती है। बच्चों से भिक्षावृत्ति कराना अपराध की श्रेणी में आता है और दंडनीय अपराध है। लाउडस्पीकरों के माध्यम से लोगों को भिक्षावृत्ति के प्रति जागरूक करने की जरूरत बताई गई।
कुंभ होगा नो चाइल्ड लेबर ज़ोन
उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति के जिम्मेदार रोस्टर के हिसाब से मेला क्षेत्र में मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में शिविरों में रह रहे लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कहा कि हम सभी का मकसद है कि कुंभ को नो चाइल्ड लेबर जोन के रूप में राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर साबित कर दिखाना है।
उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन को भी केवल बच्चों से संबंधित एक समितियों का गठन करना चाहिए। जिससे बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिाकारों की रक्षा हो सके। अपर मेलाधिाकारी रामजी शरण शर्मा ने बताया कि बच्चों से संबंधित समिति मेला प्रशासन की ओर से बनाई जा चुकी है। वह स्वयं इसके नोडल अधिकारी हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी अविनाश सिंह भदौरिया ने बताया कि कुंभ मेले मे छह चाइल्ड कार्नर स्थानीय स्तर पर स्थापित किए जा रहे हैं, जहां बच्चों की सुरक्षा के लिए काम किया जाएगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ तान्या मोंगा ने मेला या इवेंट आर्गेनाइजर कमेटी, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही मेला क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर हेल्पलाइन नंबर डिस्प्ले कराने, इलेक्ट्रॉनिक साइन बोर्ड और सीसीटीवी लगाने की बात कही। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की विधिक परामर्शदाता पल्लवी चैहान ने बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति से संबंधिात विधिक प्रावधानों की जानकारी दी।
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