कार्तिक पूर्णिमा 2021: उगते सूर्य को अर्ध्य देना होगा शुभ फलदायी, ये है गंगा स्नान का विशेष ब्रह्म मुहूर्त
हरिद्वार| कुंभ के बाद हरिद्वार में आज कार्तिक पूर्णिमा का स्नान हो रहा है इसमें लाखों श्रद्धालु हर की पौड़ी सहित अन्य घाटों पर स्नान कर मां गंगा का आशीर्वाद ले रहे हैं वहीं प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं स्नान को 9 जोन और 32 सेक्टर में बांटा गया है सभी जगह पुलिसकर्मी भारी मात्रा में लगाए गए हैं इसके साथ ही सुबह 4:00 बजे से ही भारी संख्या में श्रद्धालु हर की पौड़ी पर आप देख सकते हैं कि लाखों की संख्या में गंगा स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर रहे हैं दिल्ली से आई प्रियंका श्रद्धालु ने बताया कि कोरोना के बाद हरिद्वार में स्नान करना और इतनी भीड़ को एक साथ देखना काफी सुखद है अब लगता है कि हमारे देश के कोरोना की वापसी हो रही है आइए आपको बताते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान कितना महत्व है तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित ने बताया कि कार्तिक मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को कार्तिक पूर्णिमा कहते हैं। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह पूर्णिमा सभी पूर्णिमा में बड़ी होती है। इस दिन दान और स्नान का विशेष महत्व है। गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश होता है।
मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने पर श्री हरि प्रसन्न होते हैं। व्यक्ति के सभी संकटों को दूर करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इसलिए इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। ज्योतिषाचार्य प्रतीक मिश्र पुरी कहते हैं, इस दिन दान-पुण्य करना बेहद फलदायी होता है।